लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए बताया कि छात्र हित में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा-10 एवं 12 की बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल का पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा निर्धारण किया गया है। इण्टर मीडिएट परीक्षाफल हेतु हाईस्कूल के परीक्षाफल के 50 प्रतिशत, कक्षा-11 के वार्षिक/अर्द्धवार्षिक परीक्षाफल के 40 प्रतिशत तथा कक्षा-12 के प्री-बोर्ड परीक्षा का 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया है। हाईस्कूल परीक्षाफल हेतु कक्षा-09 के परीक्षाफल का 50 प्रतिशत तथा कक्षा-10 के प्री-बोर्ड परीक्षाफल का 50 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इण्टरमीडिएट परीक्षा में 05 विषय वर्गों में यथा मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, कृषि तथा व्यवसायिक वर्गों में परीक्षाएं सम्पादित होती हैं। इन विषय वर्गों में कई विषय ऐसे हैं जिनमें प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी सम्पादित होती हैं। वर्ष 2021 की इण्टरमीडिएट परीक्षा के अंको के निर्धारण हेतु बोर्ड की वेबसाईट पर सम्बन्धित परीक्षार्थियों के कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा, कक्षा-11 की वार्षिक/अद्धवार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा एवं प्रयोगात्मक विषयों के अंक उपलब्ध हैं। इन अंको आधार पर वर्ष 2021 की इण्टरमीडिएट परीक्षा के परीक्षार्थियों के अंको के निर्धारण का फार्मूला निम्नवत हैः-
गैर प्रयोगात्मक विषय (अर्थात जिन विषयों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं नही होती है) जिनका पूर्णांक 100 अंको का होता है।
1-कक्षा-10 बोर्ड परीक्षा के कुल प्राप्तांक के औसत का 50 प्रतिशत। औसत का आगणन कक्षा-10 के सम्पूर्ण विषयों के कुल प्राप्तांक को कुल विषयों की संख्या अर्थात 6 से विभाजित करके आगणित किया जायेगा।
2-कक्षा-11 की वार्षिक परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 40 प्रतिशत अंक।
3-कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 10 प्रतिशत अंक।
उपर्युक्तानुसार आगणन के पश्चात प्राप्त तीनो अंको को जोड़कर सम्बन्धित परीक्षार्थी के विषयवार अंको का निर्धारण किया जायेगा।
उदाहरणार्थ- यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-10 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 600 में से 300 अंक प्राप्त किये है ंतब उसका औसत अंक 300/6=50अंक होगा। इसमें से 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसे 25 अंक देय होगा। कक्षा-11 में किसी विषय विशेष में यदि उसे 100 अंक में से 60 अंक मिले हैं तब उसका 40 प्रतिशत 24 अंक होगा। इसी प्रकार प्रीबोर्ड परीक्षा से कक्षा-12 में उस विषय में उसे 50 अंक मिले हैं तब उसका 10 प्रतिशत 5 अंक होगा। इस प्रकार उसके कुल अंक 25$24$5=54 अंक होगे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हाईस्कूल परीक्षाफल हेतु कक्षा 9 के 50 प्रतिशत कक्षा 10 प्री-बोर्ड के 50 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल परीक्षा में 70 अंको की लिखित परीक्षा तथा 30 अंको की आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा कुल 100 अंको की परीक्षा सम्पादित होती है। वर्ष 2021 की आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाईट पर अपलोड हैं। इसके साथ ही कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अन्तर्गत सम्पादित 70 अंको की लिखित परीक्षा तथा कक्षा-10 की 70 अंक की लिखित प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाईट पर अपलोड है जिनके आधार पर वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के परीक्षार्थियों के अंको का निर्धारण का फार्मूला निम्नवत हैः-
1-कक्षा-9 की 70 अंको की वार्षिक विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक।
2-कक्षा-10 की 70 अंको की प्री-बोर्ड विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक।
3-वर्ष 2021 में विद्यालय स्तर पर सम्पादित 30 अंको की आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा के अंक।
उपर्युक्तानुसार आगणन के पश्चात प्राप्त तीनो अंको को जोड़कर सम्बन्धित परीक्षार्थी के विषयवार अंको का निर्धारण किया जायेगा।
उदाहरणार्थ- यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-9 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 70 अंको में से 60 अंक पायें हैं तब 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसके 30 अंक लिये जायेंगे। कक्षा-10 की प्री-बोर्ड लिखित परीक्षा में 70 अंको में से 40 अंक पायें हैं तब 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसके 20 अंक लिये जायेंगे। आन्तरिक मूल्यॉकन परीक्षा में यदि उसने 30 अंक में से 28 अंक पायें हैं तब सम्बन्धित परीक्षार्थी को कुल अंक 30$20$28=78 अंक प्राप्त होंगे।
डा0 शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 की परीक्षा में पंजीकृत कुल परीक्षार्थियों की संख्या 56,04,628 है। हाईस्कूल परीक्षा में कुल 29,94,312 परीक्षार्थी पंजीकृत हुये हैं, जिसमें संस्थागत परीक्षार्थी 29,74,487 (99.34 प्रतिशत) तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थी 19,825 (0.66 प्रतिशत) हैं। इण्टरमीडिएट परीक्षा में कुल 26,10,316 परीक्षार्थी पंजीकृत हुये हैं जिनमें संस्थागत परीक्षार्थी 25,17,658 (96.45 प्रतिशत) तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थी 92,658 (3.55 प्रतिशत) हैं। कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों में परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के दृष्टिगत तथा सत्र को नियमित करने एवं छात्र हित में कक्षा-10 एवं कक्षा-12 की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त की गयी। निरस्त की गयी बोर्ड परीक्षाओं से सम्बन्धित परीक्षार्थियों के परीक्षाफल को तैयार करने हेतु अंकों को आगणित किये जाने वाली प्रक्रिया एवं आधारों को निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन, लखनऊ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया जिसमें शासन, निदेशालय, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ-साथ विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं अन्य विशेषज्ञों को सम्मिलित किया गया। उच्च स्तरीय समिति द्वारा हित धारकों ;ेजंामीवसकमतेद्ध यथा शिक्षकों, शिक्षकजन-प्रतिनिधियों, प्रधानाचार्य परिषद व शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों, जनसामान्य तथा जनपदीय एवं मण्डलीय शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गयी। समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कर सभी हित धारकों, जन-मानस एवं छात्रों से सुझाव आमंत्रित किये गये जिसके लिए एक विशिष्ट ई-मेल आई.डी.- नचइवंतकमगंउपदंजपवद2021/हउंपसण्बवउ बनाया गया। उक्त ई-मेल पर 3910 सुझाव प्राप्त हुए जिसके विश्लेषण के लिए 6 विशिष्ट विशेषज्ञ उप समिति गठित की गयी। गहन विश्लेषण, परीक्षण एवं सम्यक विचारोपरान्त उच्च स्तरीय समिति द्वारा अपनी आख्या प्रस्तुत की गयी जिस पर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा सहर्ष स्वीकृति दी गयी।
डा0 दिनेश शर्मा, ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर परीक्षार्थियों कक्षा 9 की वार्षिक परीक्षा, कक्षा 11 की वार्षिक/अर्द्ध वार्षिक परीक्षा, कक्षा 10 व 12 प्री बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा के लिखित परीक्षा के अंक तथा कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन एवं 12 की बोर्ड परीक्षा के प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक उपलब्ध हैं। उन्होेंने बताया कि अधिकांश परीक्षार्थियों के लिखित परीक्षा के अंकों के आंगणन का फार्मूला इण्टरमीडिएट हेतुः- हाईस्कूल 50 प्रतिशत कक्षा 11 अर्धवार्षिक 40 प्रतिशत कक्षा 12 प्री-बोर्ड 10 प्रतिशत हाईस्कूल हेतुः- कक्षा 9 50 प्रतिशत कक्षा 10 प्री-बोर्ड 50 प्रतिशत संस्थागत परीक्षार्थियों से इतर अन्य परीक्षार्थियों के परीक्षाफल का आगणन की प्रक्रिया उनके उपलब्ध डाटा के आधार पर संस्थागत परीक्षार्थियों से भिन्न होगी। शेष परीक्षार्थियों-व्यक्तिगत, पत्राचार, इत्यादि के फार्मूला संलग्न तालिका में प्रस्तुत है।
यदि परीक्षार्थियों के कक्षा-12 की प्रयोगात्मक परीक्षा/कक्षा-10 के आंतरिक मूल्यांकन के अंक उपलब्ध नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक परीक्षार्थी को उस विषय विशेष के लिये लिखित परीक्षा हेतु निर्धारित प्रक्रिया से प्राप्त अंक को उस विषय विशेष के पूर्णाक के आधार पर समानुपातिक रूप से आगणित कर प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक प्रदान किये जायेंगे। इण्टरमीडिएट के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-11 की दोनो परीक्षाओं (वार्षिक परीक्षा व अर्धवार्षिक) एवं/अथवा कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा एवं/अथवा कक्षा-10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे उन्हें बिना अंको के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया जायेगा। किसी परीक्षार्थी वार्षिक, अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड परीक्षा के अधिकतम 03 विषयों तक अंक अप्राप्त होने पर उस परीक्षा के शेष विषयों के प्राप्तांक का औसत उन तीन विषयों में दिया जायेगा। लिखित परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त नहीं होने किन्तु आंतरिक मूल्यांकन प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की स्थिति में परीक्षार्थी को बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की जायेगी। प्रयोगात्मक विषयों में कक्षा 9/10/11/12 के उपलब्ध अंकों को बोर्ड की लिखित परीक्षा के निर्धारित अंकों पर स्केल करके प्रयोगात्मक/आंतरिक मूल्यांकन के अंक (जो भी लागू होते हैं) से जोड़ा जायेगा। अन्य बोर्डों के परीक्षार्थियों, जिनके पूर्णांक माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ0प्र0 प्रयागराज के संगत विषयों से भिन्न हैं, के प्राप्तांक का आगणन माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ0प्र0 प्रयागराज के पूर्णांक के सापेक्ष स्केल करके किया जायेगा। वर्ष 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुये परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जायेगी। समस्त वर्ष 2021 के पंजीकृत परीक्षार्थी, जो अंक सुधार हेतु पुनः परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना, अंक सुधार हेतु एक या एक से अधिक, कितने भी विषयो में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जायेगा तथा उनका परीक्षाफल वर्ष 2021 का ही माना जायेगा।