नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के पुराने नोटों को बदलने की अंतिम तारीख करीब आने से ठीक पहले कैबिनेट ने एक अध्यादेश पास किया है। समाचार एजेंसियों के मुताबिक जिन लोगों के पास तय तिथि के बाद भी 500 और 1000 के दस से ज़्यादा पुराने नोट मिलेंगे उन्हें सज़ा हो सकती है।
हालाँकि फ़िलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि ये तय तिथि 30 दिसंबर होगी या फिर 31 मार्च (जब केवल आरबीआई की कुछ ब्रांच ही पुराने नोट स्वीकार केरेंगी)।
नोटबंदी के बाद बैंकों में कितने पुराने नोट जमा किए गए हैं, इसका सही आकलन 30 दिसंबर के बाद ही सरकार लगा पाएगी. इसे 2017-18 के आम बजट की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
- अध्यादेश के मुताबिक़ जिनके पास 10 से ज़्यादा पुराने नोट मिलेंगे, उन्हें जुर्माना भरना होगा और खास मामलों में चार साल की जेल भी हो सकती है।
- पीटीआई के मुताबिक़ एक जनवरी, 2017 से 31 मार्च 2017 तक पुराने नोटों को बदलने के लिए आरबीआई के खास काउंटर खुले रहेंगे, लेकिन ये आम काउंटर की तरह नहीं होंगे। अनिवार्य स्थिति में ही इन काउंटरों पर नोट बदले जाएंगे।
- पीटीआई के अनुसार अभी तक यह साफ नहीं है कि इस सजा की व्यवस्था कब और कैसे होगी।
1978 में भी जब मोरारजी देसाई की सरकार ने 1,000, 5,000 और दस हज़ार के नोटों को रद्द किया था तो इसी तरह का अध्यादेश पारित किया गया था। - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उस अध्यादेश को भी मंजूरी दे दी गई जिसमें भविष्य में कोई भी इन पुराने नोटों को लेकर कानूनी दावा पेश नहीं कर पाएगा।
- मोदी सरकार ने पिछले महीने आठ नवंबर की रात काला धन, भ्रष्टाचार, जाली नोट और चरमपंथी गतिविधियों पर लगाम लगाने का हवाला देकर पांच सौ और एक हज़ार के नोटों को अमान्य करार दिया था।
- 30 दिसंबर तक लोग अपने बैंक खाते में पुराने नोट जमा करा सकते हैं।
साभार बीबीसी हिन्दी