लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों और पारम्परिक कारीगरों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत कौशल वृद्धि प्रशिक्षण, निःशुल्क टूलकिट एवं मार्जिन मनी ऋण उपलब्ध कराने की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने हाल ही में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के प्रगति की समीक्षा की और कारीगरों के चिन्हांकन कार्य में शिथिलता पाये जाने पर अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के सख्त निर्देश भी दिए।
डा0 सहगल ने बताया कि आगामी 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर 5000 पारम्परिक कारीगरों को अत्याधुनिक व उन्नत किस्म के टूलकिट वितरित किये जायेंगे। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत इस वर्ष 20 हजार कारीगरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि सेक्टर्स स्पेसिफिक संस्थाओ/प्रतिष्ठानों के माध्यम से कारीगरों को इन हाउस ट्रेनिंग दिलाने पर विशेष बल दिया गया है। प्रशिक्षण के लिए ख्याति प्राप्त संस्थानों के साथ ही जनपदों मंे कार्यरत प्रसिद्ध संस्थाओं सहित आई0टी0आई0, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अथवा उद्योग विभाग द्वारा चयनित संस्थाओं के माध्यम से पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि कौशल वृद्धि प्रशिक्षण हेतु एक बैच में अधिकत्म 25 प्रशिक्षार्थी होंगे। प्रशिक्षण अवधि में प्रशिक्षणार्थियों को मानदेय देने की व्यवस्था है। प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था को प्रति प्रशिक्षणार्थी प्रबंधन एवं प्रशिक्षण हेतु प्रतिदिन के हिसाब से 1000 रुपये दिये जायेंगे। प्रशिक्षणोपरान्त कारीगरों को आधुनिकतम् व उन्नत किस्म के टूलकिट प्रदान किये जायेंगे। ऋण चाहने वाले कारीगरों को मार्जिन मनी योजनाओं के माध्यम से लोन उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए जनपदवार लक्ष्य भी आवंटित कर दिये गये हैं।