पीएम केअर्स फंड इन दिनों काफी चर्चा में है. कोरोना वायरस की महामारी से लड़ाई के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फंड के गठन का ऐलान किया था. बड़ी तादाद में लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा इस फंड में दान भी दिया. इस फंड में जमा हुई राशि का इस्तेमाल कहां होगा, इसे लेकर चल रही चर्चा के बीच अब खर्च की खबर भी सामने आई है.
पीएम केअर्स फंड से 50 हजार वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कई अस्पतालों में वेंटिलेटर पहुंचने भी शुरू हो गए हैं. इसके अलावा इस फंड से 1000 करोड़ रुपये प्रवासी मजदूरों के लिए खर्च किए जाएंगे. एक अध्ययन में यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए अस्पतालों के आधारभूत ढांचे में युद्ध स्तर पर इजाफा किए जाने की जरूरत है.
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की ओर से कराए गए अध्ययन के मुताबिक देश में अब तक महज 47000 वेंटिलेटर ही उपलब्ध थे. वेंटिलेटर की यह संख्या निजी अस्पतालों को भी मिलाकर थी. इसी अध्ययन के मुताबिक देश में इस समय सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर 19 लाख बेड, आईसीयू में 95 हजार बेड और कुल 48000 वेंटिलेटर हैं.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर?
अध्ययन के मुताबिक अधिक बेड और वेंटिलेटर सात राज्यों में हैं. ये राज्य हैं यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल. इन राज्यों को हटा दें तो अन्य राज्यों में बेड और वेंटिलेटर की संख्या और भी कम है. गौरतलब है कि पीएम केअर्स फंड को लेकर गठन के समय से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं. प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में किराया लिए जाने के बाद विपक्ष इस फंड को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करता रहा है. आज तक