हरिद्वार: प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अखाड़ा परिसर, राजघाट, कनखल में उदासीनाचार्य भगवान श्री श्रीचन्द्रदेव जी महाराज की 522 वीं जयंती के अवसर पर निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण हरिद्वार एवं कल्यांणं करोति लखनऊ तथा मथुरा के सयुक्त तत्वाधान से आयोजित इस विकलांग शिविर में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा करना परोपकार का कार्य है। जरूरतमन्दों की सेवा करना राष्ट्र धर्म एवं मानव धर्म है। उन्होंने कहा कि जो भी सक्षम व्यक्ति इस तरह की सेवा करता है वह भगवत सेवा के बराबर है। दिव्यांगों की सेवा करना ईश्वरीय अराधना के बराबर है। श्री रावत ने कहा कि शीघ्र ही राज्य सरकार दिव्यांग जनों की सहायता के लिए आयोग बनाएगी। राज्य के संसाधनों में से एक निश्चित हिस्सा दिव्यांगों के लिए रखा जायेगा। जन्म से ही विकलांग बच्चा पैदा होने पर उसे पोषण भत्ता भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए पेंशन सम्बन्धी कार्यवाही के लिए नियमों को भी शिथिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा में आगे आने वाली संस्थायें सरकार के साथ पार्टनरशिप करेें। जिससे दिव्यांगों को सूचीबद्ध कर उनको हर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। इस अवसर पर दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल, सिलाई मशीन, बेसाखी, केलिपर, श्रवण यंत्र, मोबाईल, एवं व्हील चियर वितरित किये गये।
इस अवसर पर महन्त रघुमुनि जी, स्वामी नरेन्द्र गिरी महाराज, हरिचेतनानन्द महाराज, रविन्द्र पुरी महाराज, चिदानन्द मुनी महाराज, ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी, डाॅ श्यामसुन्दर शास्त्री, महन्त भगवत स्वरूप, महन्त विष्णु दास, महन्त मोहनदास, महन्त रघुवीर दास, पूर्व विधायक अम्बरीश कुमार, पुरूषोत्तम शर्मा, राव अफाक अली, पूनत भगत, राजेश रस्तोगी, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ एवं एस.एस.पी राजीव रूवरूप आदि उपस्थित थे।