देहरादून: वित्त मंत्री डाॅ.श्रीमती इन्दिरा ह्द्येश ने गुरूवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर 55वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक का दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने बैंकर्स से कहा कि स्वयं सहायता समूहों को उनके बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद करें।
जो भी किसान क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं, उन्हें कार्ड दिये जाएं। किसानों के फल, फूल और अन्य पारम्परिक फसलों के उत्पादन में सहायता करें। पर्वतीय क्षेत्रों में भी ऋण जमा अनुपात बढ़ायें। इसके लिए मेले लगाये जाए। आम आदमी को आसानी से ऋण मिले।
वित्त मंत्री ने बैंकों से सरकारी योजनाआंे का लाभ आम आदमी तक पहंुचाने में सहयोग करने की अपेक्षा की। मौसम की वजह से फसलों को होने वाली क्षति की भरपाई फसल ऋण से किया जाए। बैठक में बताया या कि वार्षिक ऋण योजना वर्ष 2015-16 के निर्धारित लक्ष्य 14,524 करोड़ रूपये के सापेक्ष सितम्बर तक 6051 करोड़ रूपये ऋण दिया गया, जो लक्ष्य का 42 प्रतिशत है। ऋण जमा अनुपात 57.34 प्रतिशत हो गया है। जबकि 13 जिलों में से 7 जिलों का 30 प्रतिशत से भी कम रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा में 11,96,852, जीवन ज्योति बीमा योजना में 3,63,789 और अटल पेंशन योजना के तहत 4004 लोगों का पंजीकरण हुआ है। इसी तरह लघु, मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकांे ने 27,213 लोगांे को 252 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है। बैंकों द्वारा अब तक 5,96,388 व्यक्तियों के आधार संख्या को उनके बैंक खाते से जोड़ा गया है।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने नाबार्ड के क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत क्लस्टर आधारित खेती के लिए क्षेत्रवार सूची बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों से संबंधित विभाग, बैंक और एलडीएम के साथ मिलकर पूंजी निवेश और फसलों के उत्पादन बढ़ाने की इस योजना पर गम्भीरता से कार्य करने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने स्वयं सहायता समूहों के जरिए रोजगार बढ़ाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग, नाबार्ड और स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की उपसमिति गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जनपदों में मेला लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंक किसानों को ज्यादा से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें, जिससे कि धन के अभाव में उनकी खेती का काम न रूके। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में क्रेडिट फ्लों बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने ब्राड बैंड कनैक्टिविटी को सुदूर क्षेत्रों तक विस्तार करने के लिए कहा। जहां संभव न हो वहां वी सेट लगाये जाय। उन्होंने गहरी नाराजगी जताई कि ऋण मिलने में देर क्यों होती है। उन्होंने बैंको से कहा कि प्रक्रिया को सरल किया जाय। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में शिशुओं के लिए 50000 रूपये, किशोरों के लिए 50,001 से 5 लाख से 10 लाख रूपये ऋण देेने की व्यवस्था है। इसे अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। जनजाति, दलित और महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप योजना शुरू की गई है। इसकी भी माॅनिटरिंग की जाए।