नई दिल्ली: आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि किफायती आवास परियोजनाओं (एलएचपी) के लिए चयनित स्थल लाइव प्रदर्शन के लिए खुली प्रयोगशाला के रूप में सेवा प्रदान करेंगे। ये परियोजनाएं शिक्षा जगत, मीडिया और इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को आकर्षित करेंगी। श्री अमृत अभिजात, संयुक्त सचिव तथा प्रबंध निदेशक (एचएफए) ने कहा कि एलएचपी लोगों को स्थलों का भ्रमण करने और तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 मार्च, 2019 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया (सीटीआई) 2019 एक्सपो-सम्मेलन का उद्घाटन किया था। यह सम्मेलन ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (जीएसटीसी-इंडिया) के अंतर्गत आयोजित किया गया था। जीएसटीसी-इंडिया का उद्देश्य पूरे विश्व में सराहे गए वैकल्पिक निर्माण तकनीकों का उपयोग करना है, ताकि किफायती आवासों के निर्माण में आसानी हो। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2019-20 को निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित किया है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने किफायती आवास परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। जीएचटीसी-इंडिया के तहत छह चयनित स्थलों – इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में इन किफायती आवासों का निर्माण किया जाएगा।
छह विशिष्ट वैकल्पिक तकनीकों के जरिए कुल 6,368 आवासों का निर्माण किया जाएगा। इन आवासों में आवश्यक सुविधाएं व सेवाएं मौजूद रहेंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनने वाले इन आवासों को वैश्विक जलवायु स्थितियों के अनुकूल बनाया जाएगा। प्रत्येक स्थल के लिए प्रस्ताव 5 जुलाई, 2019 को वेबसाइट www.eprocure.gov.in. पर अपलोड किए गए हैं। स्पष्टीकरण के लिए निविदा-पूर्व बैठक 29 जुलाई, 2019 को कमरा संख्या-101-ए, सीपीडब्ल्यूडी कॉन्फ्रेंस हॉल, निर्माण भवन, नई दिल्ली में 11.00 बजे सुबह आयोजित की जाएगी। तकनीकी और वित्तीय प्रस्तावों को जमा करने की अंतिम तारीख 20 अगस्त, 2019 है।
जो चयनित एजेंसियां 12 महीनों में एलएचपी निर्माण कार्य पूरा करेंगी, उनमें से प्रत्येक को 20,000 डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही उन्हें भविष्य में काम करने का मौका भी दिया जाएगा। वेबसाइट www.eprocure.gov.in. से आरएफपी प्रस्ताव डाउनलोड किए जा सकते हैं। संपूर्ण ब्यौरे के लिए जीएचटीसी-इंडिया की वेबसाइट https://ghtc-india.gov.in/. का भी उपयोग किया जा सकता है।