लखनऊः प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने तथा उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रदेश में मेगाफूड स्थापना से संबंधित कार्ययोजना यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाय ताकि अधिक से अधिक क्षेत्रों में मेगाफूड पार्क की स्थापना की जा सके। ये निर्देश प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने 07 कालीदास मार्ग स्थित आवास पर खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने आलू किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए उनकी अध्यक्षता में 4 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया है। इस आलू विकास बोर्ड की संस्तुति के माध्यम से आलू किसानों को आलू बीज, भण्डारण, नवीन तकनीकी एवं निर्यात प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि बाजार हस्तक्षेप योजना लागू होने से प्रदेश की मण्डियों में 20 अप्रैल, 2018 तक प्राप्त सूचना के अनुसार आलू के बाजार भाव 800 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़कर 1340 रुपये प्रति कुन्तल तक पहुँच चुके है। इससे इस योजना के उद्देश्य की पूर्ति हुई है। उन्होंने कहा कि 2017-18 में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 6.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू खेती हुई, जिससे 160 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन सम्भावित है। श्री मौर्य ने कहा कि मंत्री समूह की संस्तुति के आधार पर शासन द्वारा आलू किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शासनादेश निर्गत किये हैं।
उप मुख्यमंत्री ने शासनादेशों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रसंस्कृत प्रजातियों के 500 हेक्टेयर में आलू बीज उत्पादन कराया जायेगा। जिस पर किसानों को उ0प्र0 राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण, निरीक्षण, ग्रेडिंग, पैकिंग एवं टैगिंग कराने के उपरान्त 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ प्रदेश में दो सेन्टर आॅॅफ एक्सीलेन्स फार पोटैटो की स्थापना वर्ष 2018-19 में एकीकृत बागवानी मिशन योजना के अन्तर्गत कराया जाना प्रस्तावित है। आलू किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिवसीय आलू प्रदर्शनी एवं वायर और सेलर मीट के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
श्री मौर्य ने बताया कि उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट-2018 के अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण विभाग को 637 एम.ओ.यू. प्राप्त हुए हैं, जिसमें 24515.86 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। जिसके सापेक्ष 47 उद्यमियों द्वारा उद्योग स्थापना संबंधित औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गयी हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय वेबपोर्टल-ूूूण्नचीवतजपबनसजनतमण्पद पर उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2017 के अन्तर्गत आनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हो रहे हैं तथा किसानों को योजनाओं की जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सेमिनार आयोजित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गये हैं। श्री मौर्य ने बताया कि सुगर फैक्टरी में प्रायः 6-7 माह तक कोई उत्पादन कार्य नहीं किया जाता अतः इस अवधि का सदुपयोग प्रसंस्करण कार्यों में करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गये हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, विशेष सचिव खाद्य प्रसंस्करण तथा संयुक्त निदेश खाद्य प्रसंस्करण आदि अधिकारी मौजूद थे।