नई दिल्लीः 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2015 की घोषणा आज कर दी गयी। यह घोषणा तीनों ज्यूरी – फीचर फिल्मों, गैर फीचर फिल्में
और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन वाली ज्यूरी के अध्यक्षों द्वारा की गयी। फीचर फिल्म के केंद्रीय पैनल की अध्यक्षता हिंदी सिन जगत के लोकप्रिय निर्देशक एवं निर्माता श्री रमेश सिप्पी ने की। केंद्रीय पैनल में अध्यक्ष सहित 11 सदस्य शामिल थे। गैर फीचर ज्यूरी की अध्यक्षत श्री विनोद गनात्रा ने की और इसमें अध्यक्ष सहित 7 सदस्य शामिल थे। सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन से संबंधित ज्यूरी की अध्यक्षता सुश्री अद्वेता काला ने की और इसमें अध्यक्ष सहित 3 सदस्य शामिल थे।
पुरस्कारों की घोषणा से पहले तीनों ज्यूरी के अध्यक्षों और सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट वित्त, कार्पोरेट मामले और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली को सौंपी। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और सचिव (सूचना एवं प्रसारण) श्री सुनील अरोड़ा भी मौजूद थे। श्री जेटली ने भारत की सिनेमाई उत्कृष्ट और वैविध्य को परिलक्षित करने वाली विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों का फैसला करने के लिए ज्यूरी के सदस्यों के द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों के कुछ प्रमुख विजेताओं में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म की श्रेणी में बाहुबली और गैर फीचर फिल्म श्रेणी की अम्दावाद मा शामिल हैं। अमिताभ बच्चन को पीकू फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार और कंगना रानौत को तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया है। समुथिराकन को विसरारनायी के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार तन्वी आजमी को बाजीराव मस्तानी में उनकी भूमिका के लिए दिया गया। संजय लीला भंसाली को फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार प्रदान किया गया।
डॉ. राजकुमार समाग्रा चरिथरे को सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ फिल्म आलोचक पुरस्कार मेघाचंद्रा कोंगबाम को दिया गया, जो मणिपुरी के पाठकों को भारतीय सिने जगत के बारे में बताती है। इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में गुजरात को दिया गया देश में फिल्मों के लिए सबसे अनुकूल राज्य का विशेष पुरस्कार भी शामिल है।