19.9 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर जो आरोप लगाया जा रहा है यह मामला पूरी तरह से धोखाधड़ी का है क्योंकि यह परीक्षा 06 जनवरी, 2019 को सम्पन्न हो चुकी थी। शिकायतकर्ता राहुल ने मई 2020 में यह शिकायत दर्ज कराई है कि फरवरी, 2020 में किसी ने उसको भर्ती करवाने के लिए पैसे लिये तब तक परीक्षा सम्पन्न हो चुकी थी और परिणाम भी तैयार हो चुका था। मामला मा0 उच्च न्यायालय में लम्बित होने के कारण केवल परिणाम की घोषणा नहीं हुई थी इसलिए फरवरी, 2020 से मई, 2020 में ऐसे किसी लेनदेन से परीक्षा के परिणाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता परन्तु फिर भी शिकायकर्ता की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल प्रयागराज पुलिस ने कार्यवाही की और शिकायतकर्ता द्वारा दी गई सूचना के आधार पर डाॅ0 के0एल0 पटेल, सन्तोष कुमार बिन्द तथा इससे सम्बंधित 11 लोगों को 06 जून, 2020 एवं 08 जून, 2020 के बीच गिरफ्तार किया गया। जिनसे पूछताक्ष के आधार पर यह जाकारी मिली की उक्त गिरोह चन्द्रमा यादव प्रबन्धक पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रयागराज से सांठ-गांठ कर उक्त विद्यालय में परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों की गैर कानूनी ढंग से मदद करता है और उसके बदले धन वसूली करता है।
डाॅ0 द्विवेदी ने बताया कि इस जानकारी के आधार पर शासन ने इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के दृष्टिगत यह जांच एस0टी0एफ0 को सौंप दी गयी जांच में यह प्रमाणित होता है कि कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से अंक प्राप्त कर भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की है तो उनको डिबार करेंगे और अब तक की जांच के आधार पर यह परीक्षा केन्द्र को भविष्य में होने वाली परीक्षा के लिए डिबार करके उसके प्रबन्धक और अन्य सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
डाॅ0 द्विवेदी ने बताया कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर कतिपय लोगों द्वारा किसी सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी जिसका सरनेम तिवारी है, के ओ0बी0सी0 कैटेगरी में चयन का आरोप लगाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में यह स्पष्ट करना है कि भर्ती के आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से आॅनलाइन है। जिसमें अभ्यर्थियों द्वारा भरी गयी प्रविष्टियों के आधार पर लिस्ट बनती है और चयनित अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्रों का सत्यापन काउन्सलिंग प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, जिसमें किसी आरक्षित वर्ग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि आरक्षण की प्रकिया को लेकर भी सवाल खड़े किये गये हैं। इस संबंध में स्पष्ट करना है कि पूरी प्रकिया विधि द्वारा स्थापित नियमों और मा0 उच्च न्यायालय के निर्णयों के आलोक में सम्पन्न हो रही है, जिसके अन्तर्गत यह सुस्पष्ट व्यवस्था है कि आरक्षित वर्ग के जो अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर अनारक्षित सूची में शामिल होंगे, उनके जनपद का आवंटन उन्हें उनके संवर्ग में मानते हुए किया जायेगा।
डाॅ0 द्विवेदी ने बताया कि सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी, 03 जून, 2020 से 06 जून, 2020 के मध्य नियुक्ति पत्र दिया जाना था। मा0 उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच पीठ द्वारा स्थगन आदेश दिये जाने के कारण तत्काल प्रभाव से भर्ती प्रक्रिया रोक दी गयी है। शिक्षा विभाग ने सिंगल बेंच के निर्णय के खिलाफ डबल बेंच के सामने अपील दाखिल की है, जिसकी सुनवाई पूर्ण हो चुकी है तथा फैसला सुरक्षित है। मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
डाॅ0 द्विवेदी ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बडौत, बागपत की अध्यापिका अनामिका शुक्ला के 25 विद्यालयों में कार्यरत होने और लगभग 01 करोड़ से अधिक के भुगतान का मामला मीडिया/सोशल मीडिया से चर्चा में है। इस संदर्भ में यह बताना आवश्यक है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 11 फरवरी, 2020 के एक आदेश के द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के सफल संचालन हेतु प्रेरणा तकनीकी फ्रेंमवर्क लागू किया गया है जिसके अन्तर्गत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तथा छात्राओं की फोटो सहित उपस्थित अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद यह तथ्य प्रकाश में आया है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बडौत, (बागपत) में कार्यरत शिक्षिका के अभिलेखों का इस्तेमाल करते हुए 08 अन्य जनपदों यथा वाराणसी, अलीगढ़, कासगंज, अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर तथा अम्बेडकरनगर में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिसकी गहन जांच के उपरान्त यह तथ्य सामने आया कि उक्त 09 विद्यालयों में से 06 विद्यालयों के माध्यम से रुपए 12,24,700/- का भुगतान हुआ है। इस मामले के साथ ही, साथ प्रदेश के समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों/शिक्षिकाओं के अभिलेखों तथा पहचान पत्र एवं आधार नम्बर के द्वारा जांच के आदेश दे दिये गये हैं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति पर कार्य कर रही है। इस सरकार ने सत्ता में आते ही पिछली सरकारों के कार्यकाल में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई फर्जी नियुक्तियों की शिकायत की जांच तुरन्त ही एस0टी0एफ0 और एस0आई0टी0 को सौंप दी। जिसके परिणाम स्वरूप 775 के विरुद्ध नियमानुसार सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जा चुकी है। 522 के विरुद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी है तथा 23 अध्यापकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही गतिमान है इसके साथ ही वर्ष 2004-05 में डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से बी0एड0 के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के सम्बन्ध में कुल चिन्हित शिक्षक 1,356 अध्यापकों में से 926 की सेवा समाप्ति की जा चुकी है तथा 406 के विरुद्ध कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने बताया कि अब तक 1,701 की सेवा समाप्ति की जा चुकी है तथा 429 के विरुद्ध कार्यवाही गतिमान है जिसे मा0 उच्च न्यायालय ने उचित ठहराया है। हमारी सरकार ऐसी सरकार है जो भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन के लिए जानी जाती है। सरकार शिकायतों को तुरन्त संज्ञान में लेकर त्वरित जांच कराकर कार्यवाही करती है फिर भी कुछ लोग जिनका खानदानी पेशा ही भ्रष्टाचार और घोटालों का है, वह हर मामले को उसी चश्में से देखते हैं।
डाॅ0 द्विवेदी ने बताया कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई इस महामारी के समय में भी प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा गरीब, मजदूर, किसान तथा जन सामान्य के बच्चों को भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार देने के संकल्प के साथ
69 हजार सहायक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया तत्परता के साथ पूर्ण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे कुछ लोगों को सरकार की रोजगारपरक योजनाओं का क्रियान्वयन राश नहीं आ रहा है वेे युवाओं के भविष्य के मामले में भी राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे लोग नहीं चाहते हैं कि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री विजय किरन आनन्द, निदेशक बेसिक शिक्षा डाॅ0 सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक सूचना श्री शिशिर उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More