केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इंडिया फार्मा और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 के छठवें कार्यक्रम से पर्दा उठाया। औषध विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, फिक्की और इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर औषधीय और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र से संबंधित छठवें वार्षिक कार्यक्रम इंडिया फार्मा और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 का आयोजन करेगा, जो कि 25-26 फरवरी और 1- 2 मार्च 2021 को निर्धारित किया गया है।
मीडिया को जानकारी देते हुए श्री गौड़ा ने कहा, सस्ती दवाओं पर जोर देने के साथ ही स्वास्थ्य सेवा सरकार की प्राथमिकताओं का एक अभिन्न अंग बनी हुई है, जिसमें रोग की पहचान और उसके उपचार तक पहुंच बढ़ाकर, चिकित्सकीय उपकरणों के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देकर और स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करना शामिल है। मेक इन इंडिया पहल के तहत सरकार अपनी विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से सस्ते चिकित्सकीय उपकरणों और दवा के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। इंडिया फार्मा 2021 और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 विकास की अगली लहर की आधारशिला रखेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सस्ती जेनरिक दवाओं का एक बड़ा का प्रमुख निर्यातक है और चिकित्सा उपकरणों व रोग निदान का एक प्रमुख केंद्र है। अपने फार्मा उत्पादों के साथ भारत 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में सेवाएं दे रहा है और अपनी जिम्मेदारियां निभाता रहेगा। हमारा इरादा ध्वनि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यवसायिक समझ और नैतिकता पर आधारित योजनाओं को जारी रखने का है। हमने भारत में कारोबार करने में आसानी बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखे हैं, जिसके लिए पहले ही कई योजनाओं की घोषणा की जा चुकी है और चार विश्व स्तरीय चिकित्सा उपकरण पार्कों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन देने या तीन बड़े थोक दवा पार्क बनाने के लिए 3000 करोड़ रुपये के आवंटन जैसे कदम उठाकर घरेलू विनिर्माण का समर्थन करना जारी है।
हम इस आयोजन में भारत के दो सबसे बड़े संभावित क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं। 2030 तक भारतीय फार्मा उद्योग 130 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2025 तक भारत में चिकित्सा उपकरणों के उद्योग के 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है।
श्री मनसुख मांडविया ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उद्यम को सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए एक मंच दिया गया है और साथ में प्रगति करने का रास्ता निकाला है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत को कोविड के खिलाफ लड़ाई में विश्व स्तर पर सराहना मिली है। महामारी के दौरान भारतीय फार्मा उद्योगों ने देश की जरूरतों को पूरा करते हुए 120 से अधिक देशों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा कोविड 19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के वैश्विक प्रयास के केंद्र में है।
उन्होंने विश्वास जताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कोविड 19 संकट को एक अवसर में बदलने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह सेक्टरों में प्रवेश के आवश्यक स्तरों को प्राप्त करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरे विश्व के लिए मेक इन इंडिया बनाने के लिए घरेलू और वैश्विक कंपनियों दोनों को प्रोत्साहित करेगा।
औषध विभाग की सचिव सुश्री एस अपर्णा ने बताया कि महामारी के दौरान विभिन्न चुनौतियों के बावजूद फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास में अड़चनों को दूर करने और कारोबारी संबंध प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम का आयेाजन किया जाएगा और दुनियाभर के प्रतिभागी इसमें भाग लेंगे।
इंडिया फार्मा के लिए इस वर्ष की थीम इंडियन फार्मा इंडस्ट्री : फ्यूचर इज नाउ और इंडिया मेडिकल डिवाइस के लिए इंडिया मेडटेक फ्यूचर : इनोवेट एंड मेक इन इंडिया इन ग्लोबल अलायंस है। प्रतिभागी इन क्षेत्रों में अवसरों और प्रमुख चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। भारत में निवेश के अवसरों के प्रदर्शन, कारोबारी दिग्गजों के साथ पैनल चर्चा, अंतर्राष्ट्रीय दवा नियामक सत्र, इंडिया फार्मा और मेडिकल डिवाइस अवार्ड्स और स्टार्टअप की चर्चा इस आयोजन के प्रमुख घटक होंगे। सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से किया जाएगा।