लखनऊ:: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को आसान एवं सस्ती दरों पर फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों एवं कृषि निदेशक को निर्देश जारी कर दिये हैं। इस सम्बन्ध में प्रदेश की सहकारी समितियों एवं ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए अनुदान पर यंत्र उपलब्ध कराये जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना हेतु प्रमोशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाॅर इन-सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राॅप रेज्ड्यू योजना में निर्धारित यंत्रो पर रूपये 5.00 लाख तक के कृषि यंत्र की खरीद पर 80 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना में निर्धारित यंत्रों पर रूपये 5.00 लाख से 15.00 लाख के कृषि यंत्र की खरीद पर भी 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
डाॅ0 चतुर्वेदी ने बताया कि इन-सीटू योजना के अन्तर्गत रूपये 5.00 लाख तक के कृषि यंत्र के क्रय हेतु कुल मूल्य के 80 प्रतिशत अर्थात रूपये 4.00 लाख का भुगतान कृषि विभाग द्वारा अग्रिम तौर पर आॅनलाईन सम्बन्धित समितियों एवं ग्राम पंचायतों के खाते में उपलब्ध कराया जायेगा। रूपये 5.00 लाख से रूपये 15 लाख तक के कृषि यंत्रों की खरीद हेतु कोई अग्रिम धनराशि नहीं दी जायेगी। सम्बन्धित संस्था को स्वयं निजी बजट से यंत्रों का क्रय करना होगा।
अपर मुख्य सचिव कृषि ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन हेतु पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एम0बी0 प्लाऊ, सुपर सीडर, बेलर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम, जरो टिल सीड कम फर्टीड्रिल, हैप्पी सीडर, स्ट्रा रेक, क्राॅप रीपर व रीपर कम्बाइंडर इत्यादि को चिन्हित किया गया है।