नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य सरकारों की साझेदारी से मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक का समय से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। समय पर पारिश्रमिक का भुगतान चिंता का विषय रहा है। चालू वित्त वर्ष में 20.88 करोड़ मानव दिवस कार्य हुए। 89.08 प्रतिशत पारिश्रमिक भुगतान काम करने के 15 दिनों के अंदर कर दिए गए। पुद्दुचेरी सहित 22 राज्यों ने पारिश्रमिक भुगतान सीधे राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड मेनेजमेंट प्रणाली से प्राप्त किया। शेष राज्यों ने लगभग सभी मामलों में इलेक्ट्रॉनिक फंड मेनेजमेंट सिस्टम को एक्सेस किया। मंत्रालय राज्यों की साझेदारी के साथ निरंतर रूप से मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिकों का समय से आधार से जुड़े बैंक खातों में भुगतान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। 85 प्रतिशत से अधिक सक्रिय मनरेगा श्रमिकों ने अपना आधार ब्यौरा एनआरईजीएएसओएफटी एमआईएस (सहमति से) में दर्ज कराया है। 4.85 करोड़ श्रमिक पहले से ही अपने बैंक खातों को आधार से जोड़ चुके हैं।
मंत्रालय का बल जल संरक्षण पर है और राज्यों ने देश के 2264 जल दबाव और सिंचाई सुविधा की कमी वाले ब्लॉकों पर फोकस करते हुए मिशन जल संरक्षण के दिशा-निर्देशों को अपनाया है। 2015-17 में मनरेगा के अंतर्गत 80 लाख हेक्टेयर जल संरक्षण कार्य का मूल्यांकन आर्थिक विकास संस्थान द्वारा किया जा रहा है और अंतिम रिपोर्ट 30 सितंबर, 2017 तक उपलब्ध होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय मिशन जल संरक्षण पर बल देते हुए टिकाऊ परिसंपत्ति सृजन और मांग पर रोजगार प्रदान करने का सभी प्रयास कर रहा है।