पटना: कहते हैं कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र-सीमा नहीं होती। इस कहावत को सच साबित किया है पटना के रहने वाले राज कुमार ने। राज कुमार ने 98 साल की उम्र में न केवल पढ़ाई करने की सोची बल्कि परास्नातक की डिग्री हासिल कर लोगों के प्रेरणास्त्रोत बन गए।
राज कुमार ने अर्थशास्त्र में एमए की पढ़ाई की और द्वितीय श्रणी से सफलता हासिल की। राज कुमार ने बिहार की नालंदा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर मास्टर्स डिग्री हासिल करने की अपनी इच्छा पूरी कर ली। आज उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से डिग्री प्रदान की गई। राज कुमार ने युवाओं को संदेश दिया है कि लोगों का हार नहीं माननी चाहिए बल्कि सफलता जब तक न मिले तब तक कोशिश करते रहना चाहिए।
आपको बता दें कि 98 साल की उम्र में परास्नातक के लिए आवेदन करने के बाद राजकुमार को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भी सबसे उम्र दराज शख्स के रूप में मान्यता दी है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले राज कुमार का जन्म 1 अप्रैल को हुआ। उन्होंने 1938 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा पास की थी और 1940 में कानून की डिग्री हासिल की थी।
राज कुमार ने कहा कि जब वह नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर में नामांकन करने के लिए पहुंचे थे तो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने खुद उनके घर आकर उनका नामांकन किया था। रिटार्यमेंट के बाद उन्होंने एमए की पढ़ाई करने की सोची और करके दिखा दिया।
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