नई दिल्ली: देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहन देने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने टिहरी झील के पास, कोटी कॉलोनी, उत्तराखंड में तीन दिवसीय विविध सांस्कृतिक उत्सव ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया।
नोडल एजेंसी के रूप में उत्तरी जोन सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी), पटियाला को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के नारे के तहत राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ व्यंजन और शिल्प स्टालों का दौरा किया तथा कलाकारों एवं शिल्पकारों से बातचीत की।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारे देश में विविधता में एकता है और संस्कृति ने ही सभी को एक सूत्र में बांध रखा है। उन्होंने इस प्रकार के अद्वितीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करने में संस्कृति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। इन कार्यक्रमों से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को अपनी प्रतिभा, कलाकृति और व्यंजनों को एक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सुदृढ़ करता है और इससे नागरिक विशेष रूप से युवा एक भारत, श्रेष्ठ भारत की वास्तविक भावना का अनुभव कर सकेंगे।” उन्होंने उत्तराखंड में यह महोत्सव आयोजित करने और टिहरी झील महोत्सव का तहे दिल से समर्थन करने के लिए संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा और संस्कृति मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन समारोह राज्य की शानदार रंगीन सांस्कृतिक परेड से शुरू हुआ, जिसके बाद राशी पंत और चिराक पंत ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। वीर भाद सिंह भंडारी पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से दर्शक भावविभोर हो उठे।
उद्घाटन समारोह से पहले गंगा नदी की पूजा अर्चना की गई। लोक नृत्य गोरवाड़ा कुनीथा (कर्नाटक), फाग (हरियाणा), सिधी धमाल (गुजरात) और चक्री (राजस्थान) प्रदर्शित किये गये। इसके अतिरिक्त पद्म भूषण सरोज वैद्यनाथन और ग्रुप द्वारा ‘शिव आधारित’ नृत्य नाटिका पेश की गई। दर्शक झील स्थल पर ‘द टिहरी शो’ शीर्षक से पानी की स्क्रीन पर दिखाये गये साउंड एंड लाइट शो को देखकर रोमांचित हुए।
इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, टिहरी गढ़वाल से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी भी उपस्थित थे।
संस्कृति मंत्रालय ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के हस्तशिल्प, व्यंजन, चित्रकारी, मूर्तिकला जैसे समृद्ध और विविध आयामों को एक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए 2015 में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की कल्पना की थी।
संस्कृति मंत्रालय ने अब तक आठ राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किये है, जिनमें से दो दिल्ली में, दो कर्नाटक और एक-एक वाराणसी, गुजरात, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों में आयोजित किये गये। उत्तराखंड में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 27 मई, 2018 तक जारी रखेगा।