नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन गवर्नेंस में उत्कृष्ठता केंद्र के रूप में उभरने के रास्ते पर है। यह बात आज डिजीटल इंडिया सप्ताह के हिस्से के रूप में ईपीएफओ के नए संशोधित वेबसाइट का उद्घाटन करते हुए श्रम एवं रोजगार सचिव श्री शंकर अग्रवाल ने कही ।
उन्होंने आईटी आधारित तकनीकों को अपना कर डिलीवरी व्यवस्था में परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए ईपीएफओ की ओर से शुरु किए गए विभिन्न प्रयासों को दोहराया। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ आने वाले दिनों में कागजरहित कार्य करने वाला तथा उपभोक्ता सहज संगठन बन जाएगा।
इस अवसर एक पुस्तिका जारी की गई जिसमें हाल में ईपीएफओ की ओर से की गई डिजीटल पहलों का विवरण है। हाल में ईपीएफो ने लाभ डिलीवरी व्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए । उपभोक्ताओं की और अधिक संतुष्टि के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ लेते हुए अनेक कदम उठाए गए।
इस अवसर पर सीपीएफसी श्री के.के. जालान ने अतिथियों का स्वागत किया । इस अवसर पर श्री हरीश गुप्ता ईपीएफ अपीलेट ट्राइब्यूनल तथा मंत्रालय एवं संगठन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सार्वभौमिक खाता संख्या(यूएएन)- यूएएन लांच किए जाने से पीएफ सदस्य विभिन्न तरह की सेवाएं जैसे – डायनामिकली अपडेटेड यूएएन कार्ड , सभी अंतरण सहित अद्यतन पासबुक , सदस्य के पहले के आईडी को वर्तमान आईडी से जोड़ने की सुविधा, पीएफ खाते में योगदान जाने के बारे में एसएमएस सूचना तथा रोजगार बदलने पर स्वचालित अंतरण अनुरोध सुविधा- प्राप्त कर सकेंगे। पहले ही 4.64 करोड़ यूएएन आबंटित किए जा चुके हैं और 58 लाख ईपीएफ सदस्यों ने अपने यूएएन को सक्रिय कर दिया है। यूएएन अभियान के दौरान लगभग 2.42 करोड़ बैंक खाता विवरण, 99 लाख पैन विवरण तथा पीएफ सदस्यों के 58 लाख आधार / एनपीआर संख्या ईपीएफ द्वारा ली गई।
ईपीएफओ के वेबसाइट पर असंचालित खाता हेल्पडेस्क लांच किए जाने के साथ पीएफ सदस्यों के पुराने बंद पड़े ईपीए ढूढ़ना आसान हो गया है। पहले ही हेल्पडेस्क में दर्ज 42, 500 मामले निपटाए जा चुके हैं।
अंतर्राष्ट्री कामगारों के लिए कवरेट सर्टिफिकेशन (सीओसी) बनाने के लिए केंद्रीकृत साफ्टवेयर लागू करने से भारत के साथ सामाजिक सुरक्षा पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में रोजगार के लिए जाने वाले सदस्यों के 63.000 से अधिक प्रमाणपत्र जारी किया जाना संभव हुआ है। आन लाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल (ओटीसीपी) से एक खाते से दूसरे खाते में एकत्रित पीएफ का अंतरण आनलाइन हुआ है और इस काम में तेजी आई है। सदस्य अब अपना अनुरोध आनलाइन कर सकते हैं और संगठन के किसी संबंधित कार्यालय में कागजों की आवाजाही शून्य होगी। इस सुविधा से 5.71 लाख से अधिक दावे निपटाए गए हैं।
छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के लिए इलेक्ट्रानिक रिटर्न से छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों द्वारा मासिक रिटर्न प्रस्तुत करने की प्रक्रिया आसान और बाधारहित हुई है। 1600 छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
अनुपालन संबंधी कार्यों की केंद्रित निगरानी से फील्ड तथा मुख्य कार्यालय द्वारा आन लाइन निगरानी में मदद मिली है । यह प्रतिष्ठानों द्वारा बरती गई कमियों पर डाटा प्रदान करता है और संगठन को नुकसान की लेवी सहित मूल्यांकन स्थिति को ढूंढ़ने में सहायक सिद्ध होता है।
प्रतिष्ठानों का आन लाइन पंजीकरण(ओएलआरई) ने ईपीएफओ के साथ प्रतिष्ठान के पंजीकरण को वेब आधारित बना दिया है। पीएफ कोड आबंटन पत्र भी आन लाइन उपलब्ध हैं। जून, 2004 से अभी तक 53,000 हजार से अधिक नियोक्ताओं ने इसका लाभ उठाया है। मोबाइव प्लैटफार्म आधारित शार्ट को़ड एसएमएस सेवा लांच की गई । पीएएन सक्रिए करने वाले पीएफ सदस्य इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इस सेवा के इस्तेमाल से सदस्य एक विशेष नंबर 7738299899 पर एसएमएस भेज सकते हैं। एसएमएस का फार्मेट ईपीएफओएचओयूएएन है और इसके बाद पसंदीदा भाषा के पहले तीन अक्षर हैं।
सदस्यों को भेजी गई रकम , निकासी , ब्याज लगने के बारे में एसएमएस भेजे जाते हैं। बकाया जमा नहीं करने के बारे में नियोक्ताओं को भी एसएमएस भेजे जाते हैं।
केंद्रीय एमआईएस पोर्टल ने एक डैशबोर्ड प्रणाली प्रस्तुत की है, जो डाटा में एकरूपता और निरंतरता सुनिश्चित करती है और इससे निगरानी बढ़ती है।
सदस्यों के खाते को आटो -अद्यतन बनाने के काम में संगठन ने वित्त वर्ष 2014-15 के प्रारंभ में 14.5 करोड़ से अधिक खातों को अद्यतन किया है।