लखनऊ: अभियोजन निदेशालय, मुख्यालय पर डा0 सूर्य कुमार, महानिदेशक अभियोजन,उ0प्र0 के पर्यवेक्षण में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में सक्रिय अपराधियों के चिन्हित आपराधिक वादों में शीघ्र अभियोजन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।
उनके द्वारा पिछले छः माह के वादों की समीक्षा की गई । सक्रिय अपराधियों के चिन्हाॅकित अपराधिक वादों उक्त अवधि में 6564 गवाह परीक्षित किये गये और अभियोजन की सशक्त पैरवी के कारण 287 वादों में माननीय न्यायालयों द्वारा अपराधियों को दण्डित किया गया ।
कानून व्यवस्था को मजबूत करने हेतु निम्न प्रकार के अपराधियों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया:-
ऐसे हिस्ट्रीशीटर अपराधी जिन्होंने विगत 3 वर्षों में अपराध किया है, जिनके द्वारा विगत 3 वर्षों में सनसनीखेज अपराएध किये हों तथा जिन पर एन0 एस0ए0 लगा हो, ऐसे पेशेवर अपराधी जिनके द्वारा किराये पर हत्यायें की गयी हों, ऐसे पेशेवर अपराधी जिन्होेने लूट एवं जहरखुरानी जैसे जघन्य अपराध किये हों, ऐसे पेशेवर अपराधी जिन्होेंने महिलाओं के विरूद्ध जघन्य अपराध किये हों, पेशेवर ड्रग एवं जाली नोटों का धंधा करने वाले अपराधी।
महानिदेशक अभियोजन द्वारा दिन प्रति दिन की मानीटरिंग हेतु अभियोजन निदेशालय में एक कन्ट्रोल रूम की स्थानापना कराई गई ।