नई दिल्लीः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 2 जुलाई, 2015 को एक राष्ट्रीय नवोन्मेष पहल शुरू की थी । राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिचर्या नवोन्मेष सम्मेलन, शिमला में एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिचर्या नवोन्मेष पोर्टल शुरू किया गया था। यह पोर्टल नवोन्मेषकों की जन स्वास्थ्य परिचर्या में नवोन्मेषों को दर्शाने में मदद करता है (www.nhinp.org) । यह उत्तम परिपाटियों और ऐसे नवोन्मेषों के संग्रह और प्रचार-प्रसार में मदद करने हेतु पब्लिक डोमेन में एक मंच के रूप में कार्य करती है जो अनुकरणीय हो । यह पोर्टल नवोन्मेषों को स्वास्थ्य परिचर्या की मुख्यधारा में एकीकृत करने के लिए एक गेट-वे के रूप में कार्य करता है और इसमें उत्पादों, प्रक्रियाओं और कार्यक्रमों के सफल नवोन्मेषों में तेजी लाकर स्वास्थ्य परिचर्या प्रर्दानगी में परिवर्तनकारी सुधार लाने की क्षमता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिचर्या नवोन्मेष पोर्टल भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों नवोन्मेष कार्यक्रम डिजाइन, प्रेक्टिस, तकनीकी समाधान और उत्पादों के पूल-इन और प्रदर्शन हेतु एक प्रयास है। इन समाधानों ने विशेष संदर्भों में स्वास्थ्य प्रणालियों की चुनौतियों से निपटने हेतु क्षमता दर्शाई है अथवा भविष्य के लिए आश्वासन दिया है। यह मंच स्वास्थ्य उद्यमियों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य करता है और स्वास्थ्य परिचर्या की अत्यधिक आवश्यकता वाले व्यक्त्यिों को कवर करने हेतु नए कार्यक्रम डिजाइन, उपकरण और दृष्टिकोण प्रदान करता है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय नवोन्मेष प्रतिष्ठान, अहमदाबाद के साथ हर्बल चिकित्सकों के दावों की वैधता हेतु अनुसंधान में सहायता करता है।
जैव-प्रौद्यौगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के जरिए जैव-प्रौद्योगिकी विभाग, स्वास्थ्य परिचर्या क्षेत्र में कार्यरत नवोन्मेषों/प्रवर्तकों को बढ़ावा और प्रोत्साहन देता है। संकल्पना को सिद्ध करने हेतु विचार और स्वास्थ्य परिचर्या के क्षेत्र में उत्पाद विकास के लिए सहायता देने के लिए स्कीमें विद्यमान हैं। प्रमुख स्कीमें बॉयोटेक इग्नीशन ग्रांट लघु व्यवसाय नवोन्मेष अनुसंधान पहल, बॉयटेक्नोलॉजी उद्योग भागीदारी कार्यक्रम, सामाजिक स्वास्थ्य और जैव-प्रौद्योगिकी एसीई निधि के लिए वहनीय एवं संगत उत्पादों के एक सामजिक नवोन्मेष कार्यक्रम (स्पर्श) ।
विभिन्न कार्यक्रमों हेतु अनुप्रयोज्य नवोन्मेषकों की सूची उपलब्ध है और वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने वाले सफल नवोन्मेषकों की सूची भी उपलब्ध है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने स्वास्थ्य परिचर्या सहित जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवोन्मेषकों/प्रवर्तकों को सहायता और प्रोत्साहन देने के अधिदेश के साथ बीआईआरएसी में ‘मेक इन इंडिया के लिए जैव-प्रौद्योगिकी उद्योग सुविधा एकक’ का गठन किया है । यह एकक इस क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न अवसरों के बारे में नवोन्मेषकों में जागरुकता भी फैलाती है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर दिया गया I