नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कजाखस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव को भारत में उद्गम हुए धर्मों से संबंधित पुस्तकों का एक सेट भेंट किया। राष्ट्रपति नजरबायेव 2003 से हर तीन वर्ष बाद अस्ताना में शांति और मिलन पर विश्व के नेताओं और पारंपरिक धर्म के मार्गदर्शकों के सम्मेलन का आयोजन करते है।
उपहार में दी गई पूस्तकों के सेट में गुरु ग्रंथ साहिब का अंग्रेजी अनुवाद और राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली के पांडुलिपियों के संग्रह से विशेष रूप से कमीशन प्रतिकृतियां भी शामिल है। प्रतिकृतियों में जैन धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक भद्रबाहू के कल्पसूत्र (15 वीं सदी ईस्वी) प्राकृत में; बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण शास्त्र अष्टसहरिका प्रज्ञापरमिता (12 वीं सदी ईस्वी) संस्कृत में; और वाल्मीकि रामायण (18 वीं सदी ईस्वी) का नास्टलिक लिपि में फारसी अनुवाद शामिल है ।