नई दिल्ली: केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत की अध्यक्षता में आज यहां नि:शक्तजन सशक्तीकरण विभाग के अधीन सात राष्ट्रीय संस्थानों और इन राष्ट्रीय संस्थानों के अधीन आठ संयुक्त क्षेत्रीय केन्द्रों के निष्पादन की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और नि:शक्तजन सशक्तीकरण विभाग के सचिव श्री लव वर्मा उपस्थित थे।
इस बैठक में मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से प्रेरणा ग्रहण करते हुए देश के प्रत्येक नि:शक्त जन को एक विशेष पहचान (आईडी) उपलब्ध कराना शीघ्र आवश्यक है, ताकि शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और विशेष सेवाओं के क्षेत्र में उनकी मदद के लिए वैज्ञानिक संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
विभाग के अधीन सभी राष्ट्रीय संस्थानों ने पहली बार 10 लाख से भी अधिक लाभार्थियों के लिए पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य पूरा किया है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से आधुनिक सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया गया ताकि पुनर्वास केन्द्रों में नि:शक्तजनों को उन्नत प्रौद्योगिकी वाले सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
इस वर्ष पटना, श्रीनगर, अहमदाबाद, भोपाल, कोझीकोड, गुवाहाटी और लखनऊ में संयुक्त क्षेत्रीय केन्द्रों के लिए नए भवनों की शुरूआत की जा रही है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शारीरिक विकलांग संस्थान (पीडीयूआईपीएच), नई दिल्ली ने पहली बार कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोगों के लिए किटों और राष्ट्रीय मानसिक विकलांग संस्थान (एनआईएमएच), सिकंदराबाद ने मानसिक विकलांग बच्चों और छात्रों के लिए किटों की शुरूआत की हैं।
मंत्री महोदय ने राष्ट्रीय संस्थानों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने और उनके निष्पादन के मूल्यांकन के लिए ग्रेड प्रणाली कायम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल विकास और प्रशिक्षण के लाभों को ग्रेड प्रणाली में शामिल होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।