नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2G स्पैक्ट्रम मामले में सी.बी.आई. की याचिका पर आज पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य से जवाब मांगा। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने इसी तरह का आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर भी जारी किया। ईडी ने 2जी घोटाला मामले से सामने आए मनी लांड्रिंग मामले में इन लोगों को बरी किए जाने को चुनौती दी है।
अदालत ने इन दोनों मामलों में राजा, कनिमोई व अन्य को नोटिस जारी करते हुए उनसे अपने जवाब 25 मई से पहले दाखिल करने को कहा है जबकि वह इस पर आगे सुनवाई करेगा। इसके साथ ही अदालत ने निदेशालय की ओर से हाजिर हुए अतिरिक्त सोलसिटर जनरल तुषार मेहता की इस अंतरिम याचिका को भी अनुमति दे दी कि धन शोधन मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाए। इन संपत्तियों का मूल्य लगभग 223 करोड़ रुपए है। निदेशालय नहीं चाहता कि मनी लांड्रिंग मामले में रिहाई के बाद इस संपत्ति की कुर्की समाप्त कर दी जाए।
17 अन्य आरोपी हुए बरी
ईडी ने19 मार्च को उच्च न्यायालय का रुख किया और 2जी से जुड़े धन शोधन मामले में सभी आरोपियों की रिहाई के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी। वहीं सी.बी.आई. ने भी मामले में सभी आरोपियों की रिहाई को कल उच्च न्यायालय में चुनौती दी। विशेष अदालत ने पिछले साल 21 दिसंबर को सी.बी.आई. और ईडी द्वारा दर्ज कराए गए मामले में राजा, कनिमोई और 17 अन्य को बरी कर दिया था।
ईडी द्वारा दर्ज मामले में विशेष अदालत ने राजा और कनिमोई के अलावा द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, पी अमृतम और कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार को बरी किया था।