नई दिल्ली: नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने आज सैप के साथ आशय वक्तव्य (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए जिसका उद्देश्य नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है। एसओआई के एक हिस्से के तहत सैप देश भर में माध्यमिक स्कूली बच्चों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित (स्टेम) की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में 100 अटल टिंकरिंग लैबों (एटीएल) की जिम्मेदारी पांच वर्षों के लिए लेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल रूपांतरण एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे कि डिजाइन थिंकिंग विधि, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और अनुभवात्मक विज्ञान शिक्षण से संबंधित उन्नत प्रौद्योगिकी विषयों को सीखने में सक्षम बनाना है।
इस तरह के गठबंधन की अहमियत को स्वीकार करते हुए नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा, ‘अगले कुछ दशकों के दौरान भारत का विकास इन टिंकरिंग लैबों से निखर कर बाहर आने वाले अभिनव विचारों पर निर्भर करेगा। भावी विचार ऐसे विद्यार्थियों की ओर से आएंगे जो नई प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के जरिए उद्योगों तथा रचनात्मक क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाएंगे और इस तरह भारत को प्रौद्योगिकी रचनात्मकता एवं नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी स्थिति में ले जाएंगे। यह केवल प्रभावकारी सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए ही संभव है और हमें इस बात की खुशी है कि हमारे देश के भावी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के ज्ञान को निखारने के लिए सैप एक साझेदार के रूप में अटल नवाचार मिशन में हमारे साथ है।’
एआईएम के प्रबंध निदेशक रामनाथन रमणन ने कहा, ‘इस तरह की साझेदारियां एआईएम और उसके साझेदारों दोनों ही के लिए लाभदायक साबित होंगी। यह साझेदारी अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) में होने वाली अभिनव खोजों में सहयोग देने के साथ-साथ इन्हें व्यापक रूप से बढ़ावा भी देगी। अटल इन्क्यूबेटरों को अपेक्षित सहयोग मिलने से नवाचारों को वाणिज्यिक स्तर पर अपनाने और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अभिनव उपायों को त्वरित ढंग से दक्षतापूर्वक अमल में लाने में मदद मिलेगी।’
सैप के कर्मचारी स्वयंसेवक उन्नत प्रौद्योगिकी से जुड़े विषयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ सैप लैब्स इंडिया की डिजाइन लैब में उनका मार्गदर्शन भी करेंगे। इसके अलावा, सैप के कर्मचारी स्वयंसेवक विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी से जुड़े उपकरणों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करेंगे।
नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के तहत एक ऐसे सहयोगात्मक परितंत्र की परिकल्पना की गई है जिसके तहत विद्यार्थी, शिक्षक, मार्गदर्शक एवं औद्योगिक साझेदार आपस में सहयोग कर नवाचार को सुविधाजनक बनाएंगे, वैज्ञानिक सोच के साथ-साथ आज के बच्चों में उद्यमिता की भावना को भी बढ़ावा देंगे और जो आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण में सफलतापूर्वक योगदान करेंगे।