नई दिल्लीः महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ‘पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर एक परियोजना क्रियान्वित कर रहा है। यह परियोजना भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक स्वायत्त निकाय ‘राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी)’ द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
दो स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए ईडब्ल्यूआर को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रथम चरण में पंचायती राज संस्थानों की ईडब्ल्यूआर और संसाधन व्यक्तियों/मुख्य प्रशिक्षकों (मास्टर ट्रेनर) के लिए एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 नवम्बर, 2017 को आयोजित किया गया था। दूसरे चरण में प्रशिक्षण इन्हीं मुख्य प्रशिक्षकों के जरिए प्रदान किया जा रहा है। अब तक 424 मुख्य प्रशिक्षक 14 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 406 जिलों की 18,578 ईडब्ल्यूआर को प्रशिक्षण प्रदान करने में समर्थ रहे हैं। यह कार्यक्रम ‘महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की ओर देश को उन्मुख करने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में काफी मददगार साबित होगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना शुरू की थी कि प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित स्थानीय गवर्नेंस में ईडब्ल्यूआर की व्यापक मौजूदगी होने के बावजूद ईडब्ल्यूआर की भूमिका अप्रभावी रही है। इसके तहत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ईडब्ल्यूआर के नेतृत्वकारी गुणों एवं प्रबंधन कौशल को बेहतर करते हुए ईडब्ल्यूआर का विकास ‘परिवर्तनकारी एजेंटों’ के रूप में करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए देश भर में आयोजित किए जा रहे सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत महिला-पुरुष के समान प्रशिक्षण पर विस्तार से फोकस नहीं किया जाता है और इस तरह के कार्यक्रम जमीनी स्तर पर इन महिला प्रतिनिधियों के समक्ष उत्पन्न होने वाली विशिष्ट चुनौतियों को समाप्त करने के मामले में उनकी जरूरतों पर खरे नहीं उतरते हैं। देश भर में फिलहाल 14 लाख से भी अधिक ईडब्ल्यूआर हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिला एवं बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों, विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों (राज्य एवं केन्द्र), ईडब्ल्यूआर के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), सहभागिता नियोजन एवं परिसंपत्ति सृजन, सार्वजनिक कार्यों की निगरानी और नेतृत्वकारी गुणों से संबंधित प्रशिक्षण मॉडयूल विकसित किए हैं। इन अग्रणी जमीनी प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण की इस लक्षित अवधारणा की परिकल्पना और भी अधिक अपेक्षित विकास परिणाम हासिल करने के उद्देश्य से की गई है। इससे पंचायतों की महिला सदस्यों एवं प्रमुखों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, ताकि वे गांवों की गवर्नेंस और भी ज्यादा कारगर ढंग से कर सकें।