लखनऊ: प्रादेशिक एवं सामुदायिक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अधिवेशन में यहां गांधी भवन के सभागार में मुख्य अतिथि के रुप में अध्यक्ष विधान सभा श्री हृदय नारायण दीक्षित ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आयुर्वेद एक प्राचीन पद्धति हैं, जिसके चिकित्सक गांव-गांव और दूर देहात में भी बिना किसी सुख-सुविधा के सभी मरीजों की सेवा करते हैं। उन्होंने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि इस पद्धति के चिकित्सक को जो सुविधायें मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रहीं हैं। श्री दीक्षित ने अधिवेशन में यह आश्वासन भी दिया कि संघ के पदाधिकारी भविष्य में जब भी मुझसे सहयोग की अपेक्षा करेंगे तो उनके लिए हमेशा उपलब्ध रहूँगा और संवर्ग के पुनर्गठन एवं अधिवर्षता आयु को 62 वर्ष किये जाने के संबंध में मुख्य मंत्री जी से बात करेंगे ।
संघ के महामंत्री डा0 अशोक दुबे ने अध्यक्ष विधान सभा का स्वागत करते हुए यह आशा प्रकट की, कि वह सदैव उनकी मांगों के संबंध में अपना सहयोग देते रहेंगे ।
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