नई दिल्लीः केंद्रीय सूचना आयोग ने आज यहां पर ‘स्वास्थ्य एवं सूचना का अधिकार कानून, 2005′ पर एक कार्यशाला आयोजित की। मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्तों, पूर्व सूचना आयुक्तों, राज्य सूचना आयुक्तों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं अन्य हितधारकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला का आरंभ मुख्य सूचना आयुक्त श्री राधा कृष्ण माथुर के स्वागत भाषण से हुआ। श्री आर. के. माथुर ने इस बात की चर्चा की कि कार्यशाला का आयोजन विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर किया गया और इसमें सूचना प्राप्त करने के मामले में पारदर्शिता के अलावा तत्काल स्वैच्छिक खुलासे जैसे मुद्दों पर विचार हुआ।
सूचना आयुक्त प्रो. एम. श्रीधर आचार्युलु ने स्वास्थ्य से संबंधी जानकारी के अधिकार पर ध्यान केंद्रित किया। तमिल नाडु की मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. शीला प्रिया ने स्वास्थ्य एवं सूचना के अधिकार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। आलोक सक्सेना, संयुक्त सचिव (एड्स नियंत्रण एवं आयुष्मान भारत) स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि कैसे आयुष्मान भारत योजना पारदर्शिता का मार्ग प्रशस्त करेगी। प्रो. जयंता कुमार दास, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (भारत सरकार) ने सूचना का अधिकार, क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट कानून और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुशासन पर प्रकाश डाला। श्री सुनील नंदराज, पूर्व सलाहकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने सूचना का अधिकार कानून, 2005 के संदर्भ में क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2010 के तहत पारदर्शिता विषय पर विचार व्यक्त किये। डॉ. सबाहत एस. अज़ीम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड, ने ‘स्वास्थ्य एवं सूचना का अधिकार – नये मॉडल’ विषय पर कार्यशाला को संबोधित किया।
डॉ. वी. के. पौल, सदस्य, नीति आयोग ने चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और हाल ही में घोषित आयुष्मान भारत योजना के तहत इन्हें सुलझाने के विषय पर संबोधित किया। भारतीय चिकित्सा परिषद के श्री शिखर रंजन ने भी सेमिनार को संबोधित किया। श्री इंदु भूषन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुष्मान भारत, एनएचपीएस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेमिनार में भाग लिया। सत्र का समापन सूचना आयुक्त श्री यशोवर्धन आजाद के समापन भाषण से हुआ।