नई दिल्लीः विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर 10 और 11 अप्रैल को आयुष मंत्रालय की ओर से नयी दिल्ली में दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू इसमें मुख्य अतिथि होंगे जबकि आयुष मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री श्रीपद येसोनाइक समारोह की अध्यक्षता करेंगे। विश्व होम्योपैथी दिवस होम्योपैथ के जनक डाक्टर क्रिस्चियन फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सम्मेलन में लोकसभा सांसद डॉक्टर मनोज राजोरिया तथा आयुष मंत्रालय में सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा सम्मानित अतिथि होंगे। इस बार सम्मेलन का मुख्य विषय नवाचार, विकास और प्रगति: चालीस वर्षो से विज्ञान की खोज: है।सम्मेलन के प्रतिभागियों में होम्योपैथी के अनुसंधानकर्ता, होम्योपैथी चिकित्सक, शिक्षक तथा उद्योगपतियों सहित विभिन्न होम्योपैथिक संगठनों के प्रतिनिधि भी होंगे। आयोजन को होम्योपैथी के कयी जाने माने विशेषज्ञ और वैज्ञानिक संबोधित करेंगे। विज्ञान की अन्य शाखाओं से जुड़े वैज्ञानिक भी इसमें होम्योपैथ से जुड़े अपने अध्ययनों और खोज की प्रस्तुति देंगे।
केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद् डॉक्टर हैनीमैन को श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी 263 वीं जयंती के उपलक्ष्य कल विश्व होम्यौपथी दिवस के अवसर पर विज्ञान सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर होम्योपैथी के क्षेत्र में लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही बेहतरीन शिक्षक, युवा वैज्ञानिक और बेहतरीन अनुसंधान पेपर को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद् में पिछले 40 वर्षों से जारी शोध कार्यों ने होम्योपैथी के क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों के लिए बेहतर भविष्य के लिए रोडमैप तैयार किया है। सम्मेलन के दौरान इसे बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा। परिषद की ओर से पिछले 40 वर्षों के दौरान 168 नैदानिक अनुसंधान, 40 मूल अनुसंधान, 348 दवाओं के मानकीकरण के लिए अध्ययन, 112 दवाओं की जांच तथा 106 दवाओं का नैदानिक सत्यापन किया जा चुका है। इस दौरान 55 अनुसंधान प्रस्तावों की तकनीकी जांच भी की गई। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा एफ्लुएंजा जैसी बिमारियों तथा इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम पर व्यापक अध्ययन भी शुरू किये गए। परिषद ने होम्योपैथी के क्षेत्र में अल्प अवधि के पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं ताकि स्नातक-पूर्व स्तर पर छात्रों को आगे अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जा सके। इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई है। इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए परिषद, होम्योपैथी में स्नातकोत्तर शिक्षा उपलब्ध कराने वाले कॉलेजों के साथ विश्व होम्योपैथी दिवस के दिन कुछ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। इसका उद्देश्य होम्योपैथी के क्षेत्र में अनुसंधान अवसंरचना का विकास करना है।