नई दिल्लीः डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की 127वीं जयंती के मद्देनजर इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने फैसला किया है कि साझा सेवा केन्द्र (सीएससी) का संचालन करने वाले ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) की सहायता से मैदानी स्तर पर बाबासाहेब अम्बेडकर के मिशन और विजन को पहुंचाने के लिए 10 दिवसीय अभियान चलाया जाए। यह गतिविधि पटना में “साझा सेवा केन्द्रों द्वारा दलित सशक्तिकरण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन से शुरू होगी। इसका उद्घाटन इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद करेंगे।
दिन भर चलने वाली इस कार्यशाला में 200 वीएलई और प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजी-दिशा) योजना के तहत प्रमाणित उम्मीदवार हिस्सा लेंगे। इस दौरान सीएससी के जरिए बिहार में दलितों और सीमांत समुदायों के बीच डिजिटल सशक्तिकरण तथा ई-सुशासन सेवाएं प्रदान करने में सीएससी-वीएलई की प्रगति एवं उसके प्रभाव को दर्शाया जाएगा। 10 दिवसीय गतिविधि कार्यक्रम के दौरान सीएससी और वीएलई महिलाओं को सेनेट्री नेपकिन वितरित करेंगे, निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय में शौचालयों के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी तथा पीएमजी-दिशा के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों का पंजीकरण किया जाएगा।
इस समय पूरे देश में 2.92 लाख सीएससी फैले हुए हैं, जिनकी पहुंच 2.15 लाख ग्राम पंचायतों तक है। लगभग 52 हजार महिला वीएलई मिलकर सीएससी का संचालन कर रहे हैं, जिनमें से 30 हजार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से हैं। वीएलई, साझा सेवा केन्द्रों की विभिन्न पहलों के जरिए समुदाय सदस्यों के सशक्तिकरण का काम कर रहे हैं, जिनमें डिजिटल साक्षरता, कौशल विकास, टेली-मेडिसिन, एलईडी बल्ब निर्माण इकाई इत्यादि शामिल हैं।