नई दिल्लीः लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन का भारत अंतर्राष्ट्रीय संस्थान (आईआईआईडीईएम) ने 16-17 अप्रैल, 2018 को निर्वाचन सदन, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली में कजाखस्तान के केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के शिष्टमंडल के लिए दो दिवसीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। 6 सदस्यीय शिष्टमंडल में कजाखस्तान के केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी है। कार्यशाला का उद्देश्य इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तथा सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने पर सक्रिय संवाद करना है।
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत ने भारतीय चुनावों में पिछले बीस वर्षों से इस्तेमाल की जा रही इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की चर्चा की। श्री रावत ने कहा कि ईवीएम मतदान की अनूठी मशीन है और इसमें अनेक विशेषताएं है जो चुनाव में पारदर्शिता लाती हैं, लेकिन अनेक बार लोग इसकी साख पर सवाल करते हैं। सभी संभावित संदेहों को दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग निरंतर प्रयास करता है और चिंताओं के समाधान के लिए आगे कदम बढ़ाता है। कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आयोग ईवीएम तथा वीवीपीएटी के प्रदर्शन के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहा है। श्री रावत ने संगोष्ठी में भाग लेने वालों को मतदाता के लिए चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में वीवीपीएटी की विशेषताओं और लाभों के बारे में बताया। श्री रावत ने शिष्टमंडल को चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में भारत निर्वाचन आयोग और आईआईआईडीईएम के साथ समझौता ज्ञापन के लिए आमंत्रित किया।
निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि विभिन्न देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहें हम सभी लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। श्री लवासा ने कहा कि पिछली दो शताब्दियों में दुनिया के देशों में लोकतंत्र ने अपनी जगह बनाई है। इसी समय में टेक्नोलॉजी में भी कई गुणा वृद्धि हुई है। इसलिए यह समझना आवश्यक है कि कैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोकतंत्र को मजबूत बनाने में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में चुनाव कराने के लिए 11 मिलियन लोग तैनात किए जाते हैं और सभी को चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
उप-निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन ने कहा कि ईवीएम लागू किए जाने के समय निर्वाचन आयोग के समक्ष अनेक चुनौतियां आईं मगर हमेशा इन पर विजय पाया गया। आज भारत के 80 से अधिक मिलियन मतदाताओं ने ईवीएम को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है। श्री जैन ने कहा कि इस कार्यशाला में भारत में चुनाव प्रक्रिया में निरंतर सुधार के लिए इस्तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकी के विभिन्न रूपों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कजाखस्तान के केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के सामने आ रही चुनौतियों से भारत निर्वाचन आयोग सबक लेगा और चुनौतियों से निपटेगा। श्री जैन ने बताया कि अब तक आईआईआईडीईएम ने विश्व के 80 से अधिक देशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया है।
कजाखस्तान के केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के उपाध्यक्ष श्री कॉन्सटेनिक प्रेट्रोव ने कहा कि भारतीय चुनाव की चुनौतियों को समझने, भारतीय ईवीएम के उपयोग और अनुभवों को साझा करने के लिए उनका शिष्टमंडल पहली बार भारत आया है। श्री प्रेट्रोव ने आयोग को बताया कि कजाखस्तान चुनाव में सूचना प्रौद्योगिकी लागू करने की प्रक्रिया में है और इलैक्ट्रॉनिक मशीन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी विचार कर रहा है। कजाखस्तान की सचिव सुश्री सबीला मुस्तफीना ने आशा व्यक्त की कि शिष्टमंडल चुनाव और मतदान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के विभिन्न पहलुओं को सिखेगा।
आईआईआईडीईएम के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. भगबान प्रकाश ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और आईआईआईडीईएम के चुनाव विशेषज्ञ डॉ. नूर मोहम्मद ने दो दिवसीय कार्यशाला के कार्यक्रमों की जानकारी दी। भारत निर्वाचन आयोग के निदेशक (प्रशिक्षण) श्री विवेक खरे ने कजाखस्तान के शिष्टमंडल को धन्यवाद ज्ञापन दिया।