नई दिल्लीः भारतीय चुनाव आयोग ने अप्रैल 19 से 21 अप्रैल, 2018 को नई दिल्ली में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स (एसएलएमटी) के लिए एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम आयोजित किया।
देश भर के लगभग 280 एसएलएमटी ने प्रशिक्षण में भाग लिया जो बाद में राज्य/संघ शासित प्रदेश के विभिन्न पदाधिकारियों को सोपानित (कैस्कैड) प्रशिक्षण देंगे एवं मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) एवं सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) के लिए प्रमाणन पाठ्यक्रम का संचालन भी करेंगे।
भारत के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री ओ पी रावत ने उस वक्त का स्मरण किया जब स्वतंत्रता के बाद भारत को इसका पहला मतदाता नामावली मिला। उन्होंने कहा कि भारत के पहले मतदाता सूची को तैयार कारना एक दुष्कर एवं जटिल कार्य था।
लेकिन चुनाव मशीनरी ने 1951-52 के दौरान पहले चुनाव का आयोजन किया जाना संभव बना दिया। श्री रावत ने भागीदारों से अपील की कि वे प्रोत्साहन एवं ने ईआरओ एवं एईआरओ तथा क्षेत्र के अन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण में बढ़ी हुई भागीदारी का एक माहौल तैयार करें।
चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव प्रबंधन में मतदाता सूची किसी संस्थान की नींव की तरह होती है। चुनावों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में चर्चा करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि सूचना प्राद्योगिकी में नैतिक मुद्वे चिंता के कारण हैं। उन्होंने भागीदारों से भ्रष्ट प्रचलनों पर अंकुश रखने को कहा।
श्री अरोड़ा ने उम्मीद जताई कि तीन दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी भागीदारों के लिए सीखने का एक शानदार अवसर साबित होगा।
चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि प्रक्रियाओं एवं प्रणालियों को महत्व दिया जाना चाहिए जो किसी भी चुनाव को सफल बनाने के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं।
वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त श्री उमेश सिन्हा ने मतदाता सूची प्रबंधन को चुनाव प्रबंधन की नींव बताया और बताया कि इसीलिए यह जरुरी है कि मतदाता सूची स्वच्छ और स्वस्थ हो।
उप चुनाव आयुक्त श्री संदीप सक्सेना ने भागीदारों को मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी एवं भरोसेमंद बनाने की विभिन्न पद्धतियों के बारे में बताया। उन्होंने ऐसे कई तथ्य और संख्याएं प्रस्तुत कीं जो मतदाता सूची को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो सकती हैं।
उप चुनाव आयुक्त श्री सुदीप जैन ने कहा कि चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षित किए जाने की जरुरत महसूस की जा रही थी क्योंकि अपने प्राथमिक कार्य के अतिरिक्त वे चुनाव दायित्व का निर्वहन करते हैं। एक संरचित प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस करते हुए ईसीआई ने 2016 में निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक प्रमाणन कार्यक्रम आरंभ किया जिसे सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।
आयोग के द्वारा कार्यक्रम के दौरान ईआरओ एवं एईआरओ प्रमाणन के लिए पुस्तिका‘ का विमोचन भी किया गया।