नई दिल्ली/देहरादून: नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में उत्तराखण्ड के पेयजल एवं शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पेयजल व भूमि संसाधन मंत्री चैधरी वीरेंद्र सिंह से भेंट की।
शिक्षा मंत्री श्री नैथानी ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु रूपये 4320.09 लाख की धनराशि अवमुक्त किये जाने पर केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उक्त कार्यक्रम में आगे इस राशि को बढ़ाकर रूपये 250 करोड़ किया जाय। श्री नैथानी ने कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश के अनुपात को 90ः10 में परिवर्तित किये जाने पर विचार किया जाय।
उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के क्रियान्वयन में राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों तथा विगत वर्षो में राज्य में आयी आपदा से हुए संसाधनों के नुकसान से अवगत कराते हुए श्री नैथानी ने कहा कि ग्रामीण अंचल व सुदूर गांवों एवं बस्तियों में पेयजल की आपूर्ति कराये जाने को एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्र्तगत रूपये 767.95 करोड़ की योजनायें स्वीकृत है, जिनके सापेक्ष रूपये 414 करोड़ की धनराशि अवमुक्त है, जबकि स्वीकृत योजनाओं को पूर्ण करने के लिये रूपये 353.95 करोड़ धनराशि की आवश्यकता है। रूपये 375.31 करोड़ की योजनाओं के प्रक्कलन तैयार है तथा अन्य नई योजनाओं के भी प्रस्ताव है, जिनका प्राक्कलन किये जाने है इस प्रकार स्वीकृत योजनायें एवं प्रस्तावित योजनाओं को पूर्ण करने के लिये रूपये 729.26 करोड़ की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में उक्त कार्यक्रम में परिव्यय विगत वर्ष 2014-15 के सापेक्ष लगभग 30 प्रतिशत ही निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है, क्योंकि भारत सरकार द्वारा अपनी पूर्व नीति में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 हेतु स्वीकृत परिव्यय रूपये 145.67 करोड़ का 30 प्रतिशत, जो रूपये 43.70 करोड़ होता है, यही वर्ष 2015-16 हेतु निर्धारित किये जाने की सम्भावना है। ऐसी स्थिति में वर्ष 2015-16 में उत्तराखण्ड पेयजल विभाग के अधीन संचालित की जा रही ग्रामीण पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में अत्याधिक प्रतिकूल प्रभाव पडेगा और योजनओं में अपेक्षित प्रगति नही आ पायेगी। वहीं कई योजनायें प्रारम्भ भी नही हो सकेगी। इसलिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में उक्त कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा कम से कम रूपये 250 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जानी चाहिए। राष्ट्रीय ग्रामीण कार्यक्रम मंे केन्द्रांश व अनुपात 50ः50 है, जिसके लिए पेयजल मंत्री श्री नैथानी ने उत्तराखण्ड राज्य की वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश के अनुपात को 90ः10 में परिवर्तित किया जाना राज्य विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
इसके साथ ही पेयजल एवं शिक्षा मंत्री श्री नैथानी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पेयजल व भूमि संसाधन मंत्री श्री चैधरी से बातचीत में कहा कि देवप्रयाग के अन्र्तगत जनपद टिहरी गढ़वाल की चार सड़के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-13 के अन्र्तगत डी0पी0आर0 की स्वीकृति हेतु आपको प्रेषित की जा चुकी है। जिनमें कीर्तिनगर विकासखण्ड के अन्र्तगत मुलाणा से कान्डी मोटर मार्ग 1.032, बैन्जवाड़ी से राढ़ागाड मोटर मार्ग 1.041, झिनझिनीसैंण से जखैड मोटर मार्ग 1.047 तथा देवप्रयाग विकासखण्ड के अंतर्गत खोला से जखैड मोटर मार्ग 1.029 शामिल हैं। श्री नैथानी ने केंद्रीय मंत्री से शीघ्र ही मार्गों के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान किये जाने का भी अनुरोध किया।