नई दिल्ली: 15 जुलाई, 2015 को शुरू किए गए कौशल विकास का उद्देश्य बहुत तेज गति से लोगों को बड़ी संख्या में कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना होगा। 2015-16 के दौरान ही केंद्र सरकार द्वारा देश के लगभग 120 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
जबकि 60 प्रतिशत कौशल प्रशिक्षण कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के माध्यम से दिया जाएगा। शेष प्रशिक्षण भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों/ विभागों द्वारा दिया जाएगा। इस लक्ष्य में 15 जुलाई को शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अधीन प्रशिक्षित/ प्रमाणित किए जाने वाले 24 लाख युवा शामिल हैं।
सरकार ने अभी हाल में कौशल विकास के लिए सामान्य मानदंडों को मंजूरी दी है जिनमें नए प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम 200 घंटे की अवधि और कौशल उन्नयन के लिए कम से कम 80 घंटे की अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उल्लेख है। कौशल प्रशिक्षण के लिए आम मानदंडों को शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य कौशल प्रशिक्षण के लिए बुनियादी न्यूनतम मानकों को सुनिश्चित करना है। इसके साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण के लक्ष्य पर दोबारा गौर किया जाएगा और वर्ष 2015-16 के लिए विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों के लिए नए लक्ष्य जल्दी ही अधिसूचित किए जाएंगे।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए कौशल विकास को एक बढ़ते हुए स्तर पर शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भारत को विश्व में मानव संसाधन की राजधानी बनाया जा सके।