नई दिल्लीः राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) 26 अप्रैल, 2018 को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, नगालैंड और मिजोरम- में भूकंप की तैयारी की जाँच के लिए छद्म अभ्यास का संचालन करेगी। यह अभ्यास राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एनडीएमए) के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास भाग लेनेवाली एजेंसियों तथा हितधारकों के आपदा प्रतिक्रिया योजनाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में सहायता प्रदान करेगा।
यह अभ्यास महत्वपूर्ण है क्योंकि भाग लेनेवाले राज्य भूकंप-भेद्यता क्षेत्र जोन-V के अंतर्गत आते हैं।
अभ्यास की तैयारी के अंतर्गत 12 अप्रैल, 2018 को राज्यों की राजधानियों में अनुकूल सह-समन्वय सम्मेलनों का आयोजन किया गया। इसमें छद्म अभ्यास के लिए आवश्यक तैयारी और अपनाए जाने वाले तरीकों पर चर्चा हुई। इन तैयारी बैठकों में सेना, स्वास्थ्य, पुलिस, अग्नि समन, परिवहन, विद्युत, जनसंपर्क, यातायात नियंत्रण जैसे विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
इन बैठकों में व्यक्तिगत, सामुदायिक तथा संस्थागत स्तर पर उन उपायों पर चर्चा हुई जो भूकंप के प्रभाव को कम करते है। एनडीएमए के विशेषज्ञों ने घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के बारे में जानकारी दी। यह प्रणाली प्रत्येक स्तर पर भूमिका तथा जवाबदेही निर्धारित करती है ताकि समन्वय को बेहतर किया जा सके।
वास्तविक छद्म अभ्यास से पहले तीनों राज्यों में अभ्यास बैठके संचालित की जाएंगी। छद्म अभ्यास के पश्चात् कमियों पर चर्चा होगी। पूरे अभ्यास के निरीक्षण के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की तैनाती की जाएगी।
इस अभ्यास से विभिन्न कमियों को दूर करने में, बेहतर संचार सुविधा सुनिश्चित करने में तथा हित धारकों और एजेंसियों की बीच समन्वय को बेहतर करने में सहायता मिलेगी। इससे स्थानीय लोगों को भूकंप के पहले, भूकंप के दौरान और भूकंप के बाद ‘क्या करना है और क्या नही करना है’ के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।
क्षमता निर्माण और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाना एक सतत् प्रक्रिया है। एनडीएमए ने पूरे देश में अब तक 600 से अधिक छद्म अभ्यासों का संचालन किया है।