पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को एक और झटका लगा है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है. उन पर 2013 के आम चुनाव में भरे गए नामांकन पत्र में सऊदी अरब के वर्क परमिट की जानकारी छिपाने का आरोप था. स्थानीय अखबार डॉन के मुताबिक अदालत ने इसे संविधान के उस प्रावधान उल्लंघन माना है, जिसके तहत प्रत्याशियों का ईमानदार होना संसद सदस्य बनने की अनिवार्य शर्त है. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इसी प्रावधान के तहत बीते साल पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था.
रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद हाई कोर्ट की बेंच ने कहा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि को इस तरह अयोग्य घोषित करने का फैसला सुनाना अच्छा नहीं लगता है. इसके साथ अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने अगर यह मामला संसद के सामने उठाया होता तो अच्छा होता. ख्वाजा आसिफ के खिलाफ यह याचिका 2013 के चुनाव में उनसे मात खाने वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार उस्मान डार ने लगाई थी.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस फैसले की प्रति चुनाव आयोग को भेजने का निर्देश दिया है, ताकि ख्वाजा आसिफ की संसद सदस्यता रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया जा सके. उधर, वर्क परमिट की जानकारी छिपाने के आरोपों से इनकार करते हुए विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि वे हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.
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