नई दिल्लीः केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पश्चिमी आंचलिक परिषद की 23वीं बैठक आज गांधीनगर, गुजरात में हुई। बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्री के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और संघ शासित दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के मंत्री तथा केन्द्र और राज्य सरकरों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी ने अपने स्वागत भाषण में समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर पश्चिमी आंचलिक राज्यों के समन्वय और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। अन्य बातों के अलावा उन्होंने करीब 8000 कक्षाओं में वर्चुअल अध्यापन, आपराधिक रिकॉर्ड के साथ 5000 पुलिसकर्मियों को स्मार्ट फोन प्रदान करने, पुलिस बल में 33 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति और राज्य में आधुनिक अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना का मुद्दा उठाया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों के बीच और केन्द्र और राज्यों के बीच मिलकर काम करने की आदत विकसित करने के उद्देश्य से राज्य पुनर्गठन कानून 1956 के अंतर्गत आंचलिक परिषदों का गठन किया गया था। आंचलिक परिषदों को यह अधिकार दिया गया कि वे आर्थिक और सामाजिक योजना के क्षेत्र में आपसी हित से जुड़े किसी भी मसले पर विचार-विमर्श करें और सिफारिशें दें। श्री राजनाथ सिंह ने राज्यों के साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की केन्द्र की प्रतिज्ञा को दोहराया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान पश्चिमी आंचलिक परिषद की 2 परिषद बैठकें और स्थायी समिति की 3 बैठकें हो चुकी हैं। परिषद की बैठकों में 41 विषयों पर विचार-विमर्श किया गया और 31 को सुलझा लिया गया। इस अवधि के दौरान अन्य अंचलों (पूर्वी, मध्य, उत्तरी और दक्षिणी) सहित 10 परिषद बैठकें और स्थायी समिति की 15 बैठके हुईं। आज की बैठक सहित इन बैठकों में करीब 653 विषयों पर चर्चा की गई और करीब 411 विषयों को सुलझाया गया।
परिषद ने पिछली बैठक में की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में “सभी के लिए आवास : 2022” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केन्द्र सरकार के विभिन्न संगठनों की उपलब्ध कराई जाने वाली अतिरिक्त भूमि और आधार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई थी। परिषद ने आयात पर स्टॉप शुल्क से जुड़े मुद्दों, जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह में पार्किंग से जुड़ी समस्याओं, नवीकरणीय ऊर्जा संचालकों के साथ महाराष्ट्र द्वारा ऊर्जा खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करने, पीईएसए कानून के प्रावधानों के कार्यान्वयन, ट्रॉमा देखभाल सुविधा विकसित करने के लिए क्षमता निर्माण, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम, प्राकृतिक गैस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। आज उठाए गए 16 विषयों में से बैठक में आपसी सहमति से 14 को सुलझा लिया गया।
अपने संबोधन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फणनवीज ने आंचलिक परिषद की बैठकों में नई जान डालने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री को बधाई दी।
परिषद में गर्मजोशी और सौहार्द के साथ चर्चाएं हुईं और सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ अगली बैठक गोवा में आयोजित करने के फैसले के साथ बैठक समाप्त हो गई।