लखनऊ| उत्तर प्रदेश में 17 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर आतंकवादी खतरे और असामाजिक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने की खुफिया विभाग की चेतावनी के मद्देनजर सरकार महाशिवरात्रि पर्व के दौरान सुरक्षा के विशेष प्रबंध कर रही है। खुफिया विभाग ने पुलिस को मंदिरों, मेलों और जुलूसों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी है।पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) ए़ सतीश गणेश ने बताया कि त्वरित कार्रवाई बल की 10 टुकड़ियां एवं प्रांतीय सशस्त्र बल की 31 टुकड़ियां सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुहैया कराई जा रही हैं। महाशिवरात्रि पर्व से लगभग एक सप्ताह पहले से ही कांवड़िए समूहों में नदियों से जल भरकर यहां आते हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए लखनऊ , कानपुर, आगरा, बरेली, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर और वाराणसी क्षेत्रों के पुलिस महानिरीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। नदियों के घाटों की सुरक्षा, लाइटिंग, बैरिकेटिंग के साथ पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
गणेश ने बताया कि सभी शिव मंदिरों में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी करने की हिदायत दी गई और कुछ स्थानों पर विशेष प्रबंध किए गए हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट के लिए त्वरित कार्रवाई बल की तीन टुकड़ियां और प्रांतीय सशस्त्र बल की आठ टुकड़ियां तैनात की जाएंगी।
इसके अलावा गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के लिए भी प्रांतीय सशस्त्र बल की दो टुकड़ियां आवंटित की जा रही है। संत कबीरनगर जिले के तामेश्वरनाथ मंदिर, बस्ती के भदेश्वरनाथ मंदिर, खीरी के गोला गोकर्णनाथ मंदिर, बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर, बुलंदशहर के महादेव मंदिर, राजघाट नरौरा, बागपत के पूरा महादेव मंदिर, कानपुर के बिठूर घाट और गंगाघाट, काशीराम नगर के कछलाघाट, बदायूं के कछलाघाट, हापुड़ के गढ़ मुक्ते श्वर और इलाहाबाद के त्रिवेणी संगम पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं।
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