नई दिल्ली: प्रसार भारती के ठेका कर्मचारियों ने आज यहां केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें सेवा में नियमित करने की उनकी मांग को सरकार के समक्ष रखें।श्री राजीव सोनकर, श्री ललित तिवारी और प्रतिनिधिमंडल के अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि एक दशक से भी ज्यादा समय से वे देशभर में फैले दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों डीडी नेशनल, डीडी इंडिया, डीडी न्यूज, डीडी उर्दू, डीडी स्पोर्ट्स और सेंट्रल प्रोडक्शन केन्द्र (सीपीसी), डीडी के-दिल्ली, एनसी-केडी, आर्काइव, एडीजी (डीसी), डीडी भारती, दिल्ली, गंगटोक, रायपुर, पटना, मउ, मिर्जापुर, इंदौर, इलाहाबाद, ग्वालियर, भोपाल तथा अन्य कार्यक्रम स्टेशनों में कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल 17,000 से 20,000 अथवा 25,000 रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं जो आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।
ज्ञापन में कहा गया है कि भारत भर में फैली ऐसी श्रेणियों की संख्या करीब 500 है और वे अत्यधिक योग्य हैं। इनमें से अधिकतर के पास जनसंचार, पत्रकारिता आदि में विशेष डिग्री है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्वास्थ्य बीमा, भविष्य निधि आदि जैसे अतिरिक्त लाभों के बिना समेकित वेतन दिया जाता है।
कर्मचारियों की एक अन्य शिकायत थी कि सरकार के अन्य विभागों में इस तरह की श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की कुछ व्यवस्था है लेकिन उनके मामले अनेक वर्षों से सेवाएं देने के बावजूद उनकी सेवाओं को नियमित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। परिणामस्वरूप अन्य विभागों में काम करने वालों की तुलना में उन्हें भेदभाव लगता है।
कर्मचारियों ने बताया कि 2003 में उनकी नियुक्ति भारत सरकार के उपक्रम मैसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड (बेसिल) के जरिये हुई लेकिन बाद में उनका अनुबंध बेसिल से प्रसार भारती को हस्तांतरित कर दिया गया। परिणामस्वरूप वे नौकरी में लगातार अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं क्योंकि फरवरी 2014 में उनका अनुबंध समाप्त हो चुका है जिसके बाद उन्हें एक्सटेंशन पर रखा गया है जो केवल एक महीने के लिए होता है, परिणामस्वरूप वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।