नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि यह ग्वाटेमाला में मौजूद भारतीय समुदाय का सौभाग्य है कि वह शाश्वत मूल्यों की महान विरासत का उत्तराधिकारी है। ग्वाटेमाला में भारत के राजदूत श्री संजीव बाबू कुरुप द्वारा उपराष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुये उन्होंने यह बात कही। इस अवसर पर आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री श्री जसवंत सिंह भाभोर, संसद सदस्य एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अप्रवासी भारतीय समुदाय विश्व के अनेक हिस्सों में फैला हुआ है और जिन देशों में वे रह रहे हैं वहां के साथ-साथ विश्व के लिये भी उन्होंने अपना योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ये लोग दुनिया चाहे किसी भी देश में रहते हों, किसी भी पेशे में हों, वे हमारे महान देश के राजदूत के तौर पर उस देश की भौतिक और सांस्कृतिक राजधानी के साथ-साथ विश्व के लिये भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से बहुत से लोग सत्य, धर्म, प्रेम, शांति, अहिंसा और सेवा के आदर्शों का पालन कर रहे हैं और इसीलिये अप्रवासी भारतीय समुदाय को व्यापक सम्मान प्राप्त है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुधार के जरिये बदलाव लाकर लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सभी के लिये समान अवसर, दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंचना, बैंकिंग सुविधा से वंचित व्यक्तियों को बैंकिंग के दायरे में लाना और वित्त की सुविधा से वंचित लोगों को बैंक की सुविधा प्रदान करना समय की मांग है।
उपराष्ट्रपति ने उन्हें एवं उनके परिवारों को एक ऐेसे सुखद एवं पूर्णता भरे जीवन की शुभकामनायें दीं जो उन्हें एक अच्छे, परवाह करने वाले और मिल-बांट कर जीने वाले भारतीय एवं प्रतिष्ठित, जागरूक विश्व नागरिक के रूप में अलग कर सके। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को शांति, समावेश, सह-अस्तित्व, लोगों और समाज के शांतिपूर्ण तथा समग्र विकास का संदेश दिया है।