नई दिल्ली: आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप पुरी ने स्मार्ट सिटी के सीईओ से देश भर में स्मार्ट सिटी मिशनों की प्रगति में तेजी लाने के लिए अन्य शहरों के मार्गदर्शकों के अनुभवों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अनुरोध किया है। श्री पुरी आज भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ‘स्मार्ट सिटी के सीईओ के प्रथम सर्वोच्च सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। श्री पुरी ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रमुख मिशनों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ाए जा रहे नियोजित शहरीकरण का एक व्यापक एवं सुव्यवस्थित प्रयास बताते हुए कहा कि उनका मंत्रालय निर्धारित समयसीमा से पहले ही लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। इस अवसर पर भोपाल शहर के महापौर और राज्य एवं केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र सकारात्मक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने सभी क्षेत्रों में एक त्वरित विकास पथ को अपनाया है। मध्य प्रदेश के शहरों में स्वच्छता से लेकर स्मार्ट सिटी के मिशनों तक के मामले में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने यह आश्वासन दिया कि अगले दो महीनों में मध्य प्रदेश की सभी सात स्मार्ट सिटी में एकीकृत कमांड एवं नियंत्रित केन्द्र स्थापित कर दिए जाएंगे। भोपाल स्मार्ट सिटी के एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केन्द्र का उद्घाटन आज गोविन्दपुरा में हुआ। इसके साथ ही यह देश भर में परिचालन में आने वाला नौवां स्मार्ट सिटी केन्द्र है।
स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) की गति का उल्लेख करते हुए श्री पुरी ने कहा कि एससीएम परियोजना क्रियान्वयन के मामले में एक नया मानक स्थापित कर रहा है। अगस्त 2017 में क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 8,000 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है और जो 936 परियोजनाओं से जुड़ी हुई है। इसके अलावा 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाली लगभग 400 परियोजनाएं अभी निविदा के चरण में हैं जिन्हें अगले दो-तीन महीनों में मूर्त रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 98 परियोजनाओं का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत किया जा रहा है जिन्हें न केवल बड़े नगरों, बल्कि छोटे शहरों में भी अच्छा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों में 26 और एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) की स्थापना की गई है। इसके साथ ही कुल एसपीवी की संख्या बढ़कर 91 हो गई है और कुल पीएमसी की संख्या बढ़कर 67 के स्तर को छू गई है। स्मार्ट सिटी केन्द्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जहां एक ओर भोपाल सहित नौ केन्द्रों में परिचालन शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर 14 अन्य शहरों में स्मार्ट सिटी केन्द्रों के विकास का कार्य प्रगति पर है तथा 32 और शहरों में निविदाएं जारी कर दी गई हैं।