नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उनके मंत्रालय में मिशन इन्द्रधनुष की शुरूआत की है
ताकि देश के सभी आंशिक टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले बच्चों को इसमें शामिल किया जा सके। इसके पहले चरण में देश के 201 उच्च प्राथमिकता वाले जिले चुने गए हैं जिनमें लगभग 50 प्रतिशत ऐसे बच्चे हैं। 07 अप्रैल, 2015 को इसके पहले दौर की शुरूआत की गई।
मिशन इन्द्रधनुष के अधीन जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली सात बीमारियों (डिप्थीरिया, कुकुर खांसी, टिटनस, पोलियो, क्षयरोग, चेचक और हेपेटाइटिस बी) के लिए रोग प्रतिरक्षण प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, देश के चुनिन्दा जिले/राज्यों ने जापानी इंसेफेलाइटिस और हिमोफाइलस इंफ्लुएंजा टाइप बी के लिए भी टीकाकरण किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को टिटनस का टीका भी लगाया जाता है।
मंत्रालय ने 23 मार्च, 2015 को मिशन इन्द्रधनुष के लिए मीडिया अभियान शुरू किया, जिसमें मीडिया के लिए सामग्री जारी की गई थी, जिसमें हिन्दी और अंग्रेजी के लघुचित्र, पोस्टर और बैनर शामिल हैं। रोगप्रतिरक्षण के फायदे के बारे में व्यापक तौर पर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ऐसे सभी 201 जिले में इन्हें वितरित किया गया। मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म, आईटीएसयू और यूनीसेफ (ट्वीटर और यू ट्यूब सहित) ने रोगप्रतिरक्षण और मिशन इन्द्रधनुष के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मीडिया अभियान शुरू किए हैं। हाल में, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय ने उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में एक विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि रोगप्रतिरक्षण के महत्व और इसके फायदे के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।