लखनऊ: जनपद आजमगढ़ के ग्राम फरिहा, थाना निजामाबाद की अनुसूचित जाति की किशोरी को जलाये जाने के सम्बन्ध में उ0प्र0 अनुसूचित जाति/जन जाति आयोग के अध्यक्ष श्री बृजलाल ने दिनांकः 09 मई 2018 को पीड़ित बालिका के घर पहुंचकर उसकी माॅं तथा गांव के लोगों से बातचीत की। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि इसे प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पक्का मकान एवं शौचालय दिया जाय, जो उसे आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बालिका के पिता के पास मात्र 6 बिसवा जमीन है और मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि बालिका के पिता को खेती योग्य जमीन का पट्टा दिया जाय, जिससे उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण का सहारा मिल सके। उन्होंने बताया कि पीड़िता को साढ़े आठ लाख रू0 की आर्थिक सहायता देय है, जिसमें से चार लाख पच्चीस हजार रू0 (50 प्रतिशत) की धनराशि जिलाधिकारी द्वारा पीड़िता को दी गयी है।
आयोग के अध्यक्ष श्री बृजलाल ने बताया कि अनुसूचित जाति बस्ती में सड़क की हालत बहुत खराब है। उस पर चलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि उस बस्ती की सड़क को नये सिरे से बनायी जाए। साथ में मौजूद पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री विजय भूषण एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्री रवि शंकर छवि को निर्देशित किया कि इस गम्भीर मामले की विवेचना का अनुश्रवण वह स्वयं करेंगे और अपनी देखरेख में विवेचना का शीघ्र निस्तारण करके फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार्जशीट भेंजे, जिससे अभियुक्त मो0 शफी खाॅं को कड़ी सजा मिल सके। उन्होंने बताया कि अम्बेडकर प्रतिमा से अनुसूचित जाति बस्ती तक 800 मीटर खड़ंजा टूटा-फूटा है। जिसको जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि वह शीघ्र उस सड़क को बनवा देंगे। गांव के बगल से 11000 किलोवाट की बिजली लाईन गुजरती है, लेकिन गांव के प्रधान व कुछ अन्य दबंग विद्युत कनेक्शन अनुसूचित जाति बस्ती से नहीं करने दे रहे हैं, जिसके कारण उस बस्ती के घर बिजली की आपूर्ति से वंचित हैं। साथ ही जल निकासी, शौचालय, राशन कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन आदि समस्याओं को कैम्प लगाकर शीघ्र निस्तारित कराने के लिए जिलाधिकारी, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी पुलिस, जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
श्री बृजलाल ने बताया कि ग्राम फरिहा के अतिरिक्त खुदादादपुर, संजरपुर आदि में सामुदायिक सद्भाव व शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हर जाति धर्म के लोगों को कम्युनिटी पुलिसिंग से जोड़ा जायेगा। गांव के जिम्मेदार लोगों की समिति बनाकर उन्हें साम्प्रदायिक सद्भाव स्थापित करने की जिम्मेदारी लिखित रूप से सौंपी जायेगी। पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी उनसे लगातार समन्वय बनाये रखेंगे।