घर में कछुआ सकारात्मक प्रभाव को डालने वाला होता है। कछुआ के कारण घर में सुख शांति के वास के साथ साथ दुर्घायु जीवन की प्राप्ती होती है। लेकिन कछुए को घर में सही दिशा और मुहूर्त देखकर ही घर में रखा जाता है। घर में कछुआ रखना शुभ माना जाता है लेकिन शायद इस बारे में आपको पता नहीं होगा कि घर में कछुए को रखने की भी एक विधि होता है और मुहूर्त भी होता है। आज हम इस लेख में आपको कछुए को घर में जगह देने के बारे में बता रहें है।
घर में अगर तांबे का कछुआ रख रहें हैं तो इसे पूर्णिमा के दिन रखना चाहिए। क्योंकि इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के लिये कूर्म अवतार लिया था। पूर्णिमा के दिन कछुआ शरीद कर घर लाएं फिर उसे कच्चे दूध में डूबाकर रख दें। उसके बाद दोपहर 15 से 12.45 के बीच या फिरक अभिजीत मुहूर्त पर कछुए को दूध से निकाल कर उसे साफ पानी से धो कर तांबे के बर्तन में या कांच के बर्तन में थोड़ा पानी डालकर कछुए को उसमें स्थापित कर दें। घर में उत्तर-पूर्व दिशा में कछुआ को रखना सबसे शुभ माना जाता है, क्योकि कछुआ पानी में रहता है और उत्तर-पूर्व दिशा को पानी वाली दिशा माना जाता है।
घर में कछुए को अगर मंदिर में रख रहें है तो कछुए को कूर्म अवतार के रूप में पूजा जाता है, पूजा में उसे कुंकुम चावल चढ़ाएं व 11 बार ऊँ श्रीं कूर्माय नमः मंत्र का जाप करें।
इन सब बातों के साथ घर में कछुए को घर के अंदर की ओर मुह किसे वाली स्थिति में रखें। इस स्थिति में घर में लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है। घर के बाहर लक्ष्मी नहीं जाती।