लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने उ0प्र0 जनहित गारण्टी अधिनियम के अधीन मनोरंजन कर विभाग की कतिपय प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाया है। इसके लिए अधिनियम के कई स्तम्भों में आवश्यक संशोधन करके उसमें वृद्धि की गई है। इस सम्बन्ध में लोक सेवा प्रबंध न विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस0एन0 शुक्ला द्वारा संशोधित अधिसूचना जारी की गई है।
लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट एकल सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, सचल सिनेमा/विशेष चलचित्र प्रदर्शन, वीडियो सिनेमा, सचल वीडियो सिनेमा, स्थानीय चैनल और वीडियो लाइब्रेरी हेतु नवीन लाइसेंस 30 दिन के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। यदि इस अवधि तक नवीन लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो आवेदक प्रथम अथवा द्वितीय अपीलीय अधिकारी को आवेदन कर सकते हैं। प्रथम अपीलीय अधिकारी मण्डलायुक्त के 30 दिन में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि फिर भी कोई कठिनाई आती है तो द्वितीय अपीलीय अधिकारी मनोरंजनकर आयुक्त के लिए भी 30 दिन में प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि नियत की गई है।
एकल सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, सचल सिनेमा/विशेष चलचित्र प्रदर्शन, वीडियो सिनेमा, सचल वीडियो सिनेमा, स्थानीय चैनल और वीडियों लाइब्रेरी हेतु लाइसेंस का नवीनीकरण, जिला मजिस्ट्रेट 30 दिन के अन्दर करना सुनिश्चित करेंगे। निर्धारित अवधि में नवीनीकरण न हो पाने की स्थिति में प्रथम अपीलीय अधिकारी मण्डलायुक्त तथा द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी मनोरंजन कर आयुक्त 30-30 कार्य दिवसों में प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे।
इसी प्रकार चलचित्र/डिजिटल प्रोजेक्शन सिस्टम के लिए आपरेटर परमिट तथा विभिन्न मनोरंजन के लिए अनुमति (लाइसेंस्ड मनोरंजन के बिल और डीटीएच से भिन्न) यथा आमोद पार्क/वाटर पार्क, कैबरे या क्लोर शो, झूला, वीडियो गेम्स, कौशल के खेल, मिमिकरी, कार्निवाल, पपेट शो, अशास्त्रीय संगीत, घुड़दौड़, पूल गेम, बालिंग मेले, अन्य मनोरंजन की अनुमति जिला मजिस्ट्रेट 30 दिन में देंगे। इसके उपरान्त प्रथम अपीलीय अधिकारी अथवा द्वितीय प्राधिकारी के लिए 30-30 दिन की अवधि निर्धारित की गई है।