देहरादून: मुख्य सचिव एन. रवि शंकर की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में ’’ग्रीन ग्रोथ एप्रोच फाॅर सस्टेनेेबल डेवलपमेंट’’ पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
विश्व बैंक के सलाहकार अनुपम जोशी द्वारा किये गये इस प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि उत्तराखण्ड सरकार हरियाली में वृद्धि कर कैसे सतत विकास कर सकता है। संस्थागत सुधार और नीति नियोजन में पर्यावरण संरक्षण शामिल करने पर विश्व बैंक आर्थिक सहायता देगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा की जद में 400 गांवों को सुरक्षित जगह पर बसाने के लिए राज्य सरकार ने चिन्ह्ति किया है। बैंक इन गांवों को हरा-भरा बनाने में मदद करे। इसके अलावा उन्होंने मानव वन्य जीव संघर्ष की रोकधाम के लिए भी कार्य योजना बनाने के लिए कहा। जंगली जानवर फसलों को नष्ट कर देते हैं, इस वजह से किसान खेती नहीं कर पा रहे है। इसलिए जरूरी है कि इसे प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाय। उन्होंने साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट को भी योजना में शामिल करने के लिए कहा। इससे स्वच्छ भारत अभियान को बल मिलेगा। मुख्य सचिव ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ’होम स्टे’ के विस्तार पर भी जोर दिया। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 15,000 घराट है, इन घराटों के पास दो काटेज बनाये जायं। बायो डायजेस्टर टायलेट बनायें जायं। आस-पास क्यारियां बना कर आरर्गनिक सब्जी का उत्पादन किया जाय। घराट से ही दो किलोवाट की बिजली बनाकर काटेज में सप्लाई किया जाय। पर्यटक स्थानीय व्यंजन और पर्यावरण के प्रति आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों को कार्य योजना में शामिल कर फिर से प्रस्तुतीकरण करें। इसके बाद सरकार प्रस्ताव आर्थिक मामले मंत्रालय (एमईए) को भेजेंगी।
बैठक में प्रमुख सचिव वन रणवीर सिंह, पीसीसीएफ श्रीकांत चंदोला, प्रमुख सचिव पर्यटन उमाकांत पंवार, अपर सचिव पर्यटन आशीष जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।