देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में समाधान योजना की वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि समाधान पोर्टल पर जो शिकायतें प्राप्त हो रही है,
उनका निराकरण समयबद्ध ढंग से होना चाहिए। शिकायतकर्ता को उसकी समस्या के समाधान होने की सूचना मिल जानी चाहिए। जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट न हो जाय, तब तक शिकायत का निराकरण न समझा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोगो में जागरूकता आ रही है, इसलिए अधिकारी अपने दायित्वों के निवर्हन में लापरवाही न बरते। मुख्यमंत्री ने कुछ शिकायतकर्ताओं को बधाई भी दी, जिन्होंने सरकारी सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को समाधान पोर्टल पर रखा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि पेंशन संबंधी जो भी शिकायतें आ रही है, उनका निस्तारण तत्काल किया जाय। भविष्य में यदि किसी व्यक्ति को पेंशन समय पर नही मिलती है, तो उसके लिए जिलाधिकारी जिम्मेदार होगे। सभी जिलाधिकारियों व एस.एस.पी.को निर्देश दिये गये कि अपने-अपने जिलों में ओवरल लोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने, फिटनेस आदि की जांच की जाय। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाय। ए.आर.टी.ओ. और जिला प्रशासन के अधिकारी आपस में समन्वय कर एक सघन अभियान चलाये। प्रदेश में उत्तराखण्ड रोड़ एण्ड ब्रिज कारपोरेशन को जल्द अस्तित्व में लाया जायेगा। इसके साथ ही उत्तराखण्ड भवन निर्माण निगम का भी गठन जल्द किया जायेगा। निगम का उद्देश्य सरकारी भवन निर्माण कार्य करना होगा। जबकि पेरी अरबन एरिया डेवलपमेंट अर्थारिटी का गठन भी जल्द किया जायेगा। जिसके माध्यम से शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा।
समाधान पोर्टल पर आयी शिकायतों की जिलावार मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा समीक्षा की गई। हरिद्वार निवासी रतनमणी डोभाल ने बताया कि हरिद्वार नगर क्षेत्र में सरकारी भूमि पर बने सार्वजनिक शौचालय पर कुछ लोगो द्वारा कब्जा किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्री डोभाल को धन्यवाद व बधाई दी कि उन्होंने एक जागरूक नागरिक होने के नाते ऐसी समस्या समाधान पोर्टल पर रखी। उन्होंने इस प्रकरण पर तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिये, जिसमे ंसी.डी.ओ., एम.एन.ए. नगर निगम और कोतवाल शामिल होंगे। यह समिति ऐसे स्थानों को चिन्हित कर अपनी रिपोर्ट देगी, जिस पर जिला प्रशासन कार्यवाही करेगा। हरिद्वार निवासी निर्मल कुमार द्वारा बताया गया है कि शहर की ट्रेफिक लाइट सिस्टम विगत छः माह से खराब पड़ी है। मुख्यमंत्री द्वारा जब जिलाधिकारी और एस.एस.पी. हरिद्वार से इस संबंध में पूछा गया, तो उनके द्वारा संतोषजनक जवाब न मिलने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की कि ऐसी शिकायते जिला स्तर पर ही निपट जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिये कि हरिद्वार विकास प्राधिकरण को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये जाय। साथ ही सभी शहरी निकायों को भी दिशा-निर्देश जारी किये जाय कि ट्रेफिक लाइट का प्रबंधन किस प्रकार से किया जाना है। मध्य प्रदेश निवासी नीरज गुप्ता ने शिकायत दर्ज की कि वर्ष 2013 की आपदा में उनके पिता की मृत्य हो गई थी, जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक नही मिल पाया है। इस संबंध में जनपद रूद्रप्रयाग में आवेदन किया गया है। मुख्यमंत्री ने शिकायतकार्ता नीरज गुप्ता को दूरभाष कर बताया कि आगामी 15 दिन में मृत्यु प्रमाण पत्र भेज दिया जायेगा। उत्तरकाशी निवासी शिव शंकर ने शिकायत दर्ज की थी कि भटवाड़ी द्वारा बूंगा-भैलूरा मोटर मार्ग निर्माण से सिंचाई विभाग की नहर टूट गई, जिससे उनकी खेत को पानी नही जा पा रहा है, इस पर मुख्यमंत्री ने शिवशंकर को दूरभाष कर पूछा कि शिवशंकर जी क्या हालचाल है। रोपाई ठीक चल रही है। लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दे दिये है कि 15 दिन में नहर बना दी जाय। नैनीताल निवासी जगदीश चन्द्र पाठक ने शिकायत की कि उन्हें सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हुए एक वर्ष हो गया है, लेकिन विभाग द्वारा उन्हें पेंशन, जीपीएफ सहित अन्य लाभ नही दिये गये है। इस पर मुख्यमंत्री ने सचिव सिंचाई को निर्देश दिये कि संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। जिसके कारण श्री पुनेठा को पेंशन आदि नही मिल पा रही है। जनपद पौड़ी निवासी संजय बिष्ट ने शिकायत कि की राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बगानीखाल, ब्लाॅक कल्जीखाल का विद्यालय शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन नही खुआ और विद्यालय में आधी अधूरी किताबे भी पहुंचायी गई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने महानिदेशक शिक्षा को निर्देश दिये कि यह गंभीर प्रकरण है, इसमें संबंधित मुख्य शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाय। साथ ही स्कूल में सभी किताबे समय पर पहुंच जानी चाहिए। चमोली निवासी पुष्पा ने शिकायत दर्ज की कि उनके द्वारा वर्ष 2005-06 में आई.टी.आई. से प्रशिक्षण प्राप्त किया, किन्तु अभी तक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नही मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि अगले 7 दिन में संबंधित को प्रमाण पत्र मिल जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रमाण पत्र के लिए छात्रों को भटकना न पड़े। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि आई.टी.आई. से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र समय पर मिल जाए। पिथौरागढ़ निवासी राजेश खाती ने सेरा पाटा में कूड़ा डाले जाने की शिकायत की थी, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि क्षेत्र में कूड़ा हटवा दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि श्री राजेश द्वारा एक सामाजिक समस्या के प्रति ध्यान दिलाया गया है। अल्मोड़ा निवासी नंदी देवी ने शिकायत दर्ज की उनके खाते में 2012 से पेंशन नही मिली। इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि तत्काल उनके खाते में पेशन धनराशि दी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनपद व विभाग स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान हो जा रहा है, उनका औचक निरीक्षण भी किया जायेगा। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री द्वारा जनपद हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल की कुछ समस्याओं का औचक समीक्षा की गयी। जनपद टिहरी से सुरेन्द्र लाल द्वारा बताया गया कि उन्हें पेंशन नही मिली है। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वी.डी.ओ. की रिपोर्ट में उक्त व्यक्ति को मृत घोषित किया गया था, लेकिन समाज कल्याण विभाग की सही रिपोर्ट आने पर उक्त व्यक्ति को पेंशन धनराशि दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय, जिसके द्वारा गलत रिपोर्ट दी गई थी।