नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीमाओं पर निरंतर निगरानी और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है। आज यहां एक समीक्षा बैठक में उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमाओं के साथ बाड़ लगाने व सड़कों तथा चौकियों के निर्माण में हुई प्रगति का जायजा लिया। गृह सचिव श्री राजीव गॉबा, विशेष सचिव (सीमा प्रबंधन) श्री बी. आर. शर्मा, सीमा प्रबंधन के संयुक्त सचिव, मंत्रालय तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भारत-पाकिस्तान सीमा के संबंध में गृह मंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि बाड़ लगाने का 97 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। श्री राजनाथ सिंह ने अभौतिक बाधाओं के संदर्भ में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंध प्रणाली (सीआईबीएमएस) पर आधारित पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की। उन्होंने सीमा सुरक्षा पर पुलिस व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि तटीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में 194 तटीय पुलिस स्टेशनों के संचालन के लिए राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। इन पुलिस स्टेशनों को नाव तथा अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने तटीय सुरक्षा के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा के अगले चरण में नौसेना, तटरक्षक, राज्य सरकार जैसे हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण एक समस्या रही है। देश के पूर्वी सीमाओं पर भूमि अधिग्रहण में तेजी लाई जानी चाहिए।
श्री राजनाथ सिंह ने नए स्थापित 6 एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया और भारत-नेपाल, भारत-बांग्लादेश व भारत-भूटान सीमाओं पर 13 आईसीपी निर्माण का निर्देश दिया। इन एकीकृत चेक पोस्टों के माध्यम से व्यापार और लोगों के आवागमन में सुविधा होगी।
गृह मंत्री ने सीमा क्षेत्र विकास योजना के कामकाज की भी समीक्षा की तथा निर्देश दिया कि सभी सीमावर्ती राज्य, कोष के शीघ्र आवंटन के लिए वार्षिक कार्य योजना गृह मंत्रालय को भेजें। बीएडीपी के अंतर्गत सभी योजनाएं व कार्यक्रम तेजी से कार्यान्वित किए जाने चाहिए।