मतदानकर्मियों को बचाने के लिए एक पत्थरबाज को ढाल के रूप में जीप के बोनट से बांधने वाले सेना के मेजर लीतुल गोगोई का नाम कथित रूप से श्रीनगर के एक होटल में हुए विवाद में सामने आने के बाद उनके खिलाफ ‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’ के आदेश दिये गये हैं।
सेना ने कहा है कि मेजर गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के आदेश दिये गये हैं और जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी।
ये आदेश सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के उस बयान के बाद दिये गये हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि मेजर गोगोई ने कोई गलती की है तो उन्हें कड़ी सजा दी जायेगी।
रिपोर्टों में कहा गया है कि गत बुधवार को श्रीनगर के एक होटल में मेजर गोगोई की वहां के स्टॉफ के साथ नोक-झाेंक हुई थी। उस मौके पर उनके साथ एक ड्राइवर और एक स्थानीय लड़की भी थी। लड़की के सेना के अधिकारी से होटल में मिलने आने की बात फैलने पर स्थानीय स्तर पर इसे लेकर कुछ विवाद पैदा हो गया था, जिस पर पुलिस बुला ली गयी थी। पुलिस ने उन्हें कुछ देर हिरासत में रखने के बाद पूछताछ कर छोड़ दिया था।
इससे पहले जनरल रावत ने संवाददाताओं द्वारा मेजर गोगोई के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि यदि सेना में कोई भी गलती करता है, चाहे वह किसी भी रैंक का हो और यह हमारी जानकारी में आता है तो उसे कड़ी सजा दी जायेगी और यह सजा ऐसी होगी जो अपने आप में मिसाल होगी।
मेजर गोगोई गत अप्रैल में उस समय चर्चा में आये थे, जब उन्होंने श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान बडगाम में सुरक्षा बलों तथा मतदान पार्टी के सदस्यों को पत्थरबाजों से बचाने के लिए पथराव कर रहे एक स्थानीय युवक को ढाल बनाकर अपनी जीप के बोनट पर बांधा था। इसे लेकर कुछ संगठनों के विरोध के मद्देनजर सेना ने इस मामले की जांच के आदेश दिये थे। इस मामले में अभी जांच रिपोर्ट नहीं आयी है।