New Delhi: The Vice President of India, Shri M.Venkaiah Naidu has said that it is not possible to ensure the quality of life without electricity. He was addressing the gathering after inaugurating the new building of UP Electricity Regulatory Commission, in Lucknow, Uttar Pradesh today. The Governor of Uttar Pradesh, Shri Ram Naik, the Chief Minister of Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, the Minister for Energy, Uttar Pradesh, Pt. Shrikant Sharma, the Minister of State for Energy, Uttar Pradesh, Shri Swatantra Dev Singh and other dignitaries were present on the occasion.
The Vice President complemented the authorities for constructing an energy efficient building and called it a model for other government and commercial buildings that are moving in the direction of energy conservation and energy saving. Our economy and lifestyle are dependent of electricity, he added.
The Vice President said that people must make efficient and effective use of electricity as it is not renewable. He also called on people to explore the possibility of new and renewable energy sources. If electricity is to be given to every household, then it will have to be made so cheap that neither the consumer will be burdened, he added.
The Vice President called for a relook into the way electricity has been viewed. He further said that it is time that one also considers regulating the demand for electricity apart from focusing on energy supply like production and distribution.
The Vice President said that source of energy-resources are limited and we should bring basic improvements in our lifestyle and make the environment energy efficient. Commission can play an important role in determining the criteria for efficiency in the power sector and Demand Side Management (DSM), he added.
“उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा के इस महत्वपूर्ण प्रतीक विद्युत नियामक आयोग ने नए भवन के लोकार्पण करने केलिए मुझे आपके बीच आने पर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। मुझे आमंत्रित करने के लिए आपको हार्दिकधन्यवाद देता हूँ।
राज्य सभा के सभापति के रूप में मुझे विशेष हर्ष है कि राज्य सभा के वर्तमान महासचिव श्री देश दीपक वर्मा जी ने, इस आयोग के अध्यक्ष के रूप में जिस एनर्जी एफिशिएंट भवन की परिकल्पना की थी व उसे मूर्त स्वरूप दिया था, उसेप्रदेश की जनता को अर्पित करने का सौभाग्य मुझे मिला है। मैं आशा करता हूँ कि विद्युत नियामक आयोग केअध्यक्ष के रूप में उनके अनुभव का लाभ हमें संसद परिसर की ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में काम आएगा।
मुझे ज्ञात हुआ है कि आज इस महत्वपूर्ण संस्था के जिस नवनिर्मित भवन का लोकार्पण हो रहा है इसकी आधारशिलामाननीय राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा 29 सितंबर, 2014 को रखी गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य के इस पहले ऊर्जा-दक्ष(Energy Efficient) सरकारी भवन निर्माण में कई अनूठे ऊर्जा-दक्ष उपायों को शामिल किया गया है जैसे कि सामान्यईटों के स्थान पर Autoclaved Aerated Concreate Blocks का प्रयोग, दीवारों से बेहतर तापावरोधन के लिए XPS System और खिड़कियों पर Double Glazed Unit Glass, पूरी प्रकाश व्यवस्था हेतु LED लाइट, Airconditioning केलिए Variable Refrigerant Volume (VRV) System, विद्युत के किफायती उपयोग के लिए Occupancy Sensors तथा लिफ्ट के संचालन से ऊर्जा उत्पादन हेतु Regenerative Lifts आदि। भवन की ऊर्जा आपूर्ति उसके छत पर लगायेगये 70 KW के सौर ऊर्जा संयंत्र से होगी। भवन में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) की व्यवस्था भी कीगई है। चूंकि यह उत्तर प्रदेश का पहला हरित ऊर्जा भवन है जो ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (Energy Conservation Building Code) का अनुपालन करता है, यू.एस.एड. ने इन प्रयासों को मान्यता प्रदान की है और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, भारत सरकार के माध्यम से 65 लाख रूपये का विशेष अंशदान इस परियोजना हेतु प्रदान किया है। Energy Efficiency के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की दिशा में व बिजली के व्यय में बचत की दिशा में यह भवन अन्य सरकारीऔर वाणिज्यिक इमारतों के लिए एक मॉडल साबित होगा, ऐसी मेरी आशा है।
मित्रों, यदि कोई एक विचार या खोज, आधुनिकता को परिभाषित कर सकती है तो वह है ”विद्युत”। हमारी आधुनिकअर्थव्यवस्था और जीवनशैली पूरी तरह से बिजली पर निर्भर है। बिजली के बिना आज जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चितकरना संभव नहीं है।
मित्रों, यह चिंता का विषय रहा है कि आज़ादी के कई दशकों बाद तक भी, देश की बड़ी आबादी को बिजली उपलब्धनहीं थी। आधुनिक जीवन की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता से आबादी का एक बड़ा भाग लंबे समय तक वंचित रहा है।किसी भी देश के विकास का मापदंड उस देश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत भी होती है। पूरे विश्व मे ऊर्जा की खपतका औसत 2600 यूनिट प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति है, वहीं भारत में यह खपत मात्र 880 यूनिट है जो विश्व के औसत कालगभग एक तिहाई है। मैं समझता हूँ कि देश के विकास के लिए विद्युत का देश की आबादी के हर भाग तक पहुँचनाबहुत आवश्यक है।
मुझे संतोष है कि इस दिशा में व 100% ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु महत्वपूर्ण प्रयास शुरु हो चुके है। 100% ग्रामीणविद्युतीकरण का जो लक्ष्य 2009 तक पूर्ण हो जाना चाहिए था, वह अंतत: 29 अप्रैल, 2018 को पूर्ण हुआ। आज हमदेश में 100% गाँवों का विद्युतिकरण कर चुके हैं। नि:संदेह यह एक बड़ी उपलब्धि है। World Bank की रिपोर्ट मेंभारत के तीव्र विद्युतीकरण अभियान की सराहना की गयी है। इस रिपोर्ट के अनुसार 85% घरों में बिजली पहुँचाई जाचुकी है। सरकार का प्रयास है कि दिसंबर 2018 तक देश के हर घर तक बिजली पहुँचे। भारत सरकार 2022 तक सभीको ’24X7 Power for All’ लक्ष्य पर समर्पित रूप से काम कर रही है।
पूर्व में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विद्युतीकरण की स्थिति संतोषजनक नहीं रही है। मुझे संतोष है कि अक्तूबर2017 के बाद विद्युतीकरण के अभियान में प्रदेश में बहुत तेजी आयी है। पहले जहाँ प्रतिमाह 10 हजार से भी कम घरोंको विद्युत कनेक्शन दिया जाता था, वह अब प्रति माह 5 लाख से ऊपर पहुँच गया है। आप इस वर्ष 3.81 लाख घरोंतक बिजली पहुँचाने का जो भागीरथ प्रयास कर रहे हैं — उसमें सफल हों, यह मेरी शुभकामना है। आप प्रदेश केअनुसूचित जाति/जनजाति बहुल 6 लाख गावों में पूर्ण विद्युतीकरण करने का भी प्रयास कर रहे हैं।
मुझे ज्ञात हुआ है कि राज्य सरकार ने भी केंद्र के साथ ’24X7 Power For All’ संबंधित समझौता किया है।इसके लिएमैं प्रदेश के उद्यमी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी को बधाई देता हूँ।
आपके प्रयासों में चुनौतियाँ भी हैं। यह चुनौती मात्र आपूर्ति की नही है वरन् ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन की भी है। बिजली की आपूर्ति अबाधित और निरंतर रहे, इसे भी सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, आपूर्ति की जाने वाली बिजलीमें वोल्टेज fluctuation नहीं होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि प्रदेश सरकार विद्युतीकरण के रास्ते में आनेवालीचुनौतियों के प्रति सजग है। और इस दिशा में पर्याप्त बजटीय संसाधन और नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। आपकेप्रयास सफल हों, मेरी शुभकामना है।
मित्रो, हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि विद्युत अक्षय संसाधन नहीं है। विद्युत क्षेत्र का अपना एक अर्थतंत्र है।विद्युत क्षेत्र का एक वित्तीय आयाम भी है जिसे बहुत समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर हर घरतक बिजली पहुँचानी है तो उसे इतना सस्ता भी बनाना होगा जिससे न तो उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार पड़े और साथही बिजली उत्पादक तथा वितरक कंपनी की आवश्यक लागत भी वसूल हो जाए।
प्रदेश के लोगों को सस्ती और निर्बाध विद्युत उपलब्ध कराने, उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण करने के साथ विद्युतक्षेत्र की दक्षता तथा इसके अर्थतंत्र में स्थायित्व एवं पारदर्शी प्रामाणिकता लाने में विद्युत नियामक आयोग एकमहत्वपूर्ण संस्था है। मुझे हर्ष है कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस दिशा में पिछले कुछ वर्षों में एकमहत्वपूर्ण रोल निभाया है। मुझे बताया गया है कि roof top solar lighting में नेट मीटरिंग व Minigrid/Microgrid रेगूलेशन बनाने वाला यह भारत का पहला आयोग रहा है।
मित्रों, ऊर्जा के क्षेत्र में अभी तक हम सिर्फ ऊर्जा आपूर्ति पर ही बल दे रहे हैं जैसे उत्पादन और वितरण। अब समय कीआवश्यकता है कि हम बिजली की मांग को भी संयमित (Regulate) करने पर विचार करें। ऊर्जा के स्रोत-संसाधनसीमित हैं। अत: हम अपनी जीवनशैली में मूलभूत सुधार लायें और परिवेश को ऊर्जा दक्ष (Energy Efficient) बनाएं।विद्युत क्षेत्र में दक्षता के मानदंड तय करने में व Demand Side Management (DSM) में यह आयोग महत्वपूर्णभूमिका निभा सकता है।
भारत सरकार ने 2022 तक ’24X7 Power for All’ तथा सबको घर उपलब्ध कराने का जो लक्ष्य रखा है, उस लक्ष्य केआधार पर 2030 तक बिजली की कुल मांग का लगभग 37% घरेलू उपभोक्ता द्वारा प्रयोग किया जायेगा। अत: आवश्यक है कि आवासीय इमारतों को भी ऊर्जा-दक्ष बनाने के लिए दिशानिर्देश विकसित किए जायें और इन्हें लागूकरने के लिए एक निगरानी प्रणाली (compliance system) बनायी जाय। इसके साथ ही, बिजली के उपकरण बनानेवाली कंपनियाँ, भी ऊर्जा-दक्षता के मानदंडों को अपनाने में सजग रहें।
मित्रों, जैसा कि आपको मालूम है कि ऊर्जा-दक्षता ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना में भी अंतर्निहित है। ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत, Green Building निर्माण तकनीक, भवन निर्माण सामग्री तथा उपकरणों को महत्व दिया गयाहै। ऊर्जा-दक्षता की दिशा में अन्य देशों द्वारा अपनाई जा रही Best Practices का अध्ययन कर, इस क्षेत्र के सभीStakeholders से व्यापक विचार-विमर्श करके, ऊर्जा-दक्षता के मानदंडों को उत्तरोत्तर विकसित किया जा रहा है। यहभवन इसका एक उदाहरण है।
लंबे समय तक बिजली पर Cross- Subsidy देने के बजाय ऊर्जा-दक्ष उपकरणों पर subsidy देना बेहतर विकल्प है।बिजली की निर्बाध और सस्ती आपूर्ति कृषि और कृषकों के हित में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हर सरकार को इस दिशा मेंअथक प्रयास जारी रखने चाहिएं।
आज उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के इस ऊर्जा-दक्ष भवन का लोकार्पण करते हुए, मैं अपेक्षा करूंगा किउत्तरोत्तर सरकारी भवनों और वाणिज्यिक इमारतों को ऊर्जा-दक्ष मानकों के अनुसार बनाया जाय। संभव है किप्रारंभ में लागत अधिक हो परंतु आप पायेंगे कि दीर्घकालीन लागत कम होगी। इससे Carbon Footprint को भीसीमित किया जा सकता है।
मैं यह भी अपेक्षा करूंगा कि ऊर्जा के पांरपरिक स्रोतों के अलावा वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को भी विकसित किया जाए।मुझे ज्ञात हुआ है कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस विषय में कई रेगुलेशन जारी किए हैं। आवश्यकताइस बात कि है कि उनका अनुपालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा को अपनाने केलिए प्रेरित किया जाए।
राज्य सरकार और विद्युत नियामक आयोग को इस नयी उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं देते हुए, मुझे अपने मध्यआमंत्रित करने के लिए आपको पुन: हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। राज्य के सभी नागरिकों को निर्बाध और सस्ती बिजलीउपलब्ध कराने के संकल्प में आप सफल हों, इस शुभेच्छा के साथ मैं अपने वक्तव्य को विराम देता हूँ।