नई दिल्ली: आगामी विश्व पर्यावरण दिवस-2018 मनाने के लिए लोगों को जोड़कर एक मंच पर लाने का आंदोलन करने की आवश्यकता पर बल देते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री सी. के. मिश्रा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस न केवल समारोह भर है, बल्कि यह बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचने का अवसर है। संयुक्त रूप से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आज यहां आयोजित हितधारकों के संवादात्मक सत्र को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के रूप में ज्ञान सत्र आयोजित करना विशेषज्ञों, उद्योग, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सिविल सोसाइटी सहित लोगों के सुझाव जानने का प्रयास है।
हितधारकों के साथ संवादात्मक बातचीत में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अधिकारी, फिक्की और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के प्रतिनिधि शामिल थे।
ज्ञान सत्रों में अन्य बातों के अलावा 11 विषय आधारित क्षेत्र होंगे, जिनमें भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण-वर्तमान स्थिति और भविष्य के कार्य; स्थानीय हरित उपक्रम और हरित अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका; हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र; टिकाऊ शहरीकरण-सुदृढ़ शहर; प्लास्टिक प्रदूषण पर सीआईआई और यूरोप; समुद्री गन्दगी और समेकित तटीय क्षेत्र प्रबंधन; नई प्लास्टिक अर्थव्यवस्था; आर्थिक और पर्यावरणीय स्थायित्व में संतुलन के लिए पर्यावरणीय समाधान; संसाधन दक्षता और अर्थव्यवस्था के चक्र को बढ़ाने के लिए टिकाऊ जीवनशैली; भविष्य को कचरे से बचाने पर ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) के संकाय का शुभारम्भ; कारपोरेट निरन्तरता और टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी); विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व; टिकाऊ शहरी भू-परिदृश्य और स्मार्ट शहर शामिल हैं। यह सत्र 1 से 4 जून, 2018 तक आयोजित किए जाएंगे।
विज्ञान भवन के पीछे के लॉन में 2 से 5 जून, 2018 तक विभिन्न संस्थानों/संगठनों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
विश्व पर्यावरण दिवस-2018 समारोह का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण दूर करें” है।