नई दिल्लीः बॉक्साइट खनन और एल्युमीनियम निर्माण में कम लागत की उत्पादक कंपनी होने का वैश्विक मानक हासिल करने वाली राष्ट्रीय एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) ने भौतिक और वित्तीय क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर अपनी क्षमता साबित की है।
26 मई, 2018 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समक्ष प्रस्तुत वर्ष 2017-18 के वित्तीय नतीजों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान नाल्को ने 100 फीसदी से अधिक यानी पिछले वर्ष 669 करोड़ रुपये की तुलना में 1,342.19 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। कंपनी ने चौथी तिमाही में 257.06 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। वर्ष के दौरान नाल्को देशभर में तीसरी सबसे अधिक शुद्ध विदेशी मुद्रा कमाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बनी। इस साल नाल्को का कुल बिक्री कारोबार पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए 9377 करोड़ रुपये (शुरू से अब तक का सबसे अधिक) रहा। पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए कंपनी की निर्यात कमाई 4076 करोड़ रुपये रही, जो अब तक की सबसे अधिक है।
कंपनी की इस उपलब्धि पर नाल्को के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. तपन कुमार चंद ने कहा कि वर्ष 2017-18 नाल्को के लिए सभी मोर्चे पर प्रतिफल देने वाला रहा है। हम महज मुनाफा कमाने से आगे की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी के सभी मानकों रिकॉर्ड उत्पादन, उच्च बिक्री और कारोबार में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति पर नज़र रखते हुए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य पर भी हमारी नज़र बनी रहे। श्री चंद ने कहा कि कंपनी एक नया बिजनेस मॉडल ला रही है जिससे अतिरिक्त 935 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ होगा।
डॉ तपन कुमार चंद ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा हासिल करने के लिए नाल्को जैसे मूल संयंत्र को आगे बढ़ाने और उसे रोजगार सृजन का जरिया बनाने की बात कही। उन्होंने अंगुल एल्युमीनियम पार्क को आजीविका परितंत्र के गठन की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के लिए नाल्को अमेरिकी कंपनी अलमेक्स के साथ समझौता करने जा रही है। नाल्को एल्युमीनियम इंगोट उपलब्ध कराने के लिए नकदी रहित मॉडल और तैयार उत्पाद लेकर उनकी बिक्री की जिम्मेदारी के जरिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को आगे बढ़ाने का भी काम करेगी। नाल्को के इस कदम से सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बल मिलेगा और इससे रोजगार सृजन होगा और ओडिशा में कारोबारी माहौल तैयार होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नाल्को को सामूहिक रूप से बधाई देते हुए श्री चंद ने नई परियोजनाओं और कंपनी की विकास योजनाओं के बारे में बताया।
मुख्य अंश
उत्पादन
- वुड मैकेन्जी की रिपोर्ट के अनुसार नाल्को को लगातार दो वर्षों 2016 एवं 2017 के लिए दुनिया में एल्युमीनियम के सबसे कम लागत वाले उत्पादक कंपनी का दर्जा दिया गया है।
- वुड मैकेन्जी की रिपोर्ट के अनुसार नाल्को की पंचपतमाली बॉक्साइट खानों को वर्ष 2017 के लिए दुनिया के दूसरे सबसे कम लागत वाले उत्पादक का दर्जा मिला। इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2018-19 में सबसे कम लागत वाला उत्पादक बनना है।
- बॉक्साइट खानों (पंचपतमाली खानों के उत्तर-केंद्रीय ब्लॉक) ने लगातार दूसरे वर्ष 68.25 लाख मीट्रिक टन के परिवहन (उत्पादन) के साथ 100 फीसदी क्षमता प्रयोग का दर्जा हासिल किया।
- नई खान पंचपतमाली खान के दक्षिण ब्लॉक से बॉक्साइट परिवहन (उत्पादन) वित्तीय वर्ष 2017-18 के चौथी तिमाही में शुरू हुआ। दक्षिण ब्लॉक से 2 लाख मीट्रिक टन और दोनों खानों से संयुक्त रूप से 70.25 लाख मीट्रिक टन बॉक्साइट का परिवहन हुआ, जो शुरूआत से अब तक का सबसे अधिक है।
- 06 लाख मीट्रिक टन एल्युमीनियम हाइड्रेट के उत्पादन के साथ लगातार एल्युमीनियम रिफाइनरी ने 100% मानक क्षमता (यानी 21 लाख मीट्रिक टन) की उपाधि प्राप्त की।
- पिछले 5 वर्षों में एल्युमीनियम स्मेल्टर का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% की वृद्धि दर्ज करते हुए 4.26 लाख मीट्रिक टन (पिछले 5 वर्षों में) का उच्चतम कास्ट धातु उत्पादन हासिल किया।
- सीपीपी ने पिछले वर्ष की तुलना में 7.9% की वृद्धि दर्ज करते हुए 6,547 एमयू की ‘नेट पावर जनरेशन’ हासिल की।
- पवन ऊर्जा: देश के विभिन्न भागों में 4 पवन ऊर्जा इकाइयों ने पिछले वर्ष 206 एमयू की तुलना में 22% की वृद्धि दर्ज करते हुए 252 एमयू उत्पादन किया।
वित्तीय:
- वित्त वर्ष 2017-18 में नाल्को ने पिछले वर्ष 669 करोड़ रुपये की तुलना में पिछले 10 वर्षों में सबसे ज्यादा 1342 करोड़ रुपये का उच्चतम शुद्ध लाभ अर्जित किया।
- देश में तीसरा सबसे ज्यादा शुद्ध विदेशी मुद्रा कमाई वाली सार्वजनिक कंपनी बनी।
- पिछले वर्ष की तुलना में 26% की वृद्धि दर्ज करते हुए कंपनी की कुल बिक्री कारोबार
9,377 करोड़ रुपये का हुआ। पिछले वर्ष की तुलना में 12% की वृद्धि दर्ज करते हुए 4,076 करोड़ रुपये की निर्यात कमाई हुई, जो अब तक की सबसे अधिक है।
- वर्ष 2017-18 के लिए 94% के अंतरिम लाभांश के रूप में 908 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जिसमें से 547 करोड़ रुपये भारत सरकार को भुगतान किया गया। यह कंपनी द्वारा घोषित उच्चतम लाभांश है।
विकास योजना:
निष्पादन के तहत परियोजनाएं:
- दमनजोडी में मौजूदा एल्युमीनियम रिफाइनरी में 1 एमटीपीए क्षमता वाली 5वीं स्ट्रीम एल्युमीनियम रिफाइनरी ब्राउनफील्ड परियोजना। परियोजना की अनुमानित लागत 5,540 करोड़ रुपये। इस परियोजना के अप्रैल, 2021 तक पूरी होने की उम्मीद।
- ओडिशा के कोरापुट में पोट्टंगी बॉक्साइट खानों का विकास। परियोजना की लागत 5वीं स्ट्रीम रिफाइनरी में शामिल है। इस परियोजना के अप्रैल, 2022 तक पूरी होने की उम्मीद।
- ओडिशा के अंगुल, में उत्कल डी एंड ई कोयला खान का विकास। परियोजना की अनुमानित लागत 534 करोड़ रुपये है। उत्कल-डी के वित्त वर्ष 2019-20 और उत्कल-ई के वित्त वर्ष 2022-23 में पूरी होने की उम्मीद।
- अपस्ट्रीम एकीकरण: गुजरात के दहेज में गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) के साथ संयुक्त उपक्रम में 2.7 लाख टीपीए कास्टिक सोडा प्लांट। परियोजना पर अनुमानित लागत: 1,999 करोड़ रूपये। इस परियोजना के 2020 तक पूरी होने की उम्मीद।
- डाउनस्ट्रीम एकीकरण : डाउनस्ट्रीम और सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना की वित्त वर्ष 2019-20 में ओडिशा के अंगुल में, आईडीसीओ के साथ जेवी में अंगुल एल्यूमिनियम पार्क की शुरुआत।
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना : तमिलनाडु में 25 मेगावॉट क्षमता के दो पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना। इसकी अनुमानित परियोजना लागत 3 करोड़ रुपये। संयंत्र 1 के वित्त वर्ष 2018-19 और संयंत्र 2 के वित्त वर्ष 2019-20 तक पूरा होने का अनुमान।
- दक्षता सुधार परियोजना : मौजूदा सटलर वाशर को एचआरडी-डीसीडब्ल्यू से बदलना इस परियोजना की अनुमानित लगात 355 करोड़ है जो कि वित्त वर्ष 2020-21 तक पूरी होनी की उम्मीद है।
भविष्य की परियोजनाएं:
- ओडिशा में 6 लाख टीपीए ब्राउनफील्ड स्मेलटर्स की स्थापना
- ओडिशा में 6 लाख टीपीए ग्रीनफील्ड स्मेलटर्स की स्थापना
- ओडिशा के अंगुल में 1320 मेगावॉट थर्मल पावर प्लांट की स्थापना
कारपोरेट प्लान:
- बाजार की चुनौतियों का सामना करने और कंपनी को टिकाऊ पथ पर अग्रसर बनाने के लिए जनवरी 2018 में एक नई दृष्टि के साथ एक नई कारपोरेट कारपोरेट योजना तैयार की गई है। यह तीन वर्ष की कार्य योजना अच्छी तरह से परिभाषित कर तैयार की गई है जिसके तहत 7 साल तक के लिए रणनीति बनाई गई और इसमें 15 वर्ष के लिए कंपनी का दृष्टिकोण स्पष्ट है।
- यह रणनीति वर्ष 2024 और 2032 तक राजस्व में क्रमश: 18,171 करोड़ रुपये और 31,248 करोड़ रुपये की वृद्धि के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है।
शोध एवं विकास :
- वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान नाल्को नाम पर चार पेटेंट हुए हैं। कंपनी कचरे से दोहन से जुड़ी कई परियोजनाओं पर भी सक्रियता से काम कर रही है।
कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व :
वित्त वर्ष 2017-18 में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए निर्धारित लक्ष्य 27.88 करोड़ की तुलना में कंपनी ने 29 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया है।
कंपनी अपने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत शिक्षा के क्षेत्र में तथा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में, खुले में शौच से मुक्त अभियान में, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों में योगदान कर रही है।