नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन को सुचारु रूप से चलने के लिए मैने राज्यसभा की प्रक्रियाओं से संबंधित नियमों तथा कार्यवाहियों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया था। यह समिति अगले महीने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी। राज्यसभा सदस्य श्री अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘स्ट्रेट टॉक’ का विमोचन करने के बाद उपराष्ट्रपति आज यहां उपस्थित जन समुदाय को समबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
डॉ. सिंघवी ने अपनी पुस्तक में सुझाव दिया है कि सदन में व्यवधान होने की स्थिति में सदस्यों के भत्ते प्रतिदिन प्रति घण्टे के हिसाब से स्वत: रद्द होने चाहिए। उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि समिति को इस सुझाव पर विचार करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस बात पर गहन चिंतन करना चाहिए कि क्या सदन द्वारा पारित कानून आम लोगों को सही संदेश दे रहे हैं? लोगों को सदन द्वारा पारित कानूनों से बहुत आशाएं होती हैं। सदन में प्रस्तुत विधेयकों के संदर्भ में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ती दूरी लोगों के विश्वास को प्रेरित नहीं करती।
भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राजनैतिक दलों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है। सभी राजनीतिक गतिविधियों का एकमात्र उद्देश्य राजनीति नहीं होनी चाहिए। इन्हें नये और बेहतर भारत के निर्माण के लिए आवश्यक, परिवर्तनों का माध्यम बनना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने ‘कम विभेद और अधिक तालमेल’ पर आधारित नये राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसद तथा विधान सभाओं में अर्थपूर्ण बहस होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को विशिष्ट उत्तरदायित्व निभाने होते हैं। सरकार विधेयक प्रस्तुत करती है और विपक्ष को इसकी कड़ी व अर्थपूर्ण आलोचना करनी चाहिए।